चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन मंदिर: अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव एवं सुराणा साधना संकुल का लोकार्पण संपन्न
सुराणा परिवार ने मुनिसुव्रत कुमारापार्क जैन संघ को सौंपे अधिकार

सुबह मुनिसुव्रत मंदिर से दीक्षा कल्याणक वरघोड़ा निकाला गया
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के जाने माने दानवीर परिवार भंवरीबाई-घेवरचन्द, दिलीप, आनंद सुराणा परिवार द्वारा कुमारापार्क में स्वद्रव्य से निर्मित सुराणा साधना संकुल का लोकार्पण एवं चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान की अंजनशलाका प्रतिष्ठा का 13 दिवसीय महोत्सव सम्पन्न हुआ। सुराणा परिवार ने यह संकुल, समाज और जिनशासन को समर्पित करते हुए मुनिस्रुव्रत कुमारापार्क जैन संघ को विधिपूर्वक अधिकार सौंप दिया।
रविवार को मंदिर के प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत सुबह मुनिसुव्रत मंदिर से दीक्षा कल्याणक वरघोड़ा निकाला गया। शोभायात्रा में साधु-साध्वियों सहित विभिन्न जैन संघ के सदस्यों व भक्तों की बड़ी उपस्थित थी। क्षेत्र के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए यह शोभायात्रा सुराणा साधना संकुल पहुँची जहां संगीतकार विनीत गेमावत एवं उनकी टीम द्वारा दीक्षा कल्याणक विधान विधिपूर्वक सम्पन्न कराया। रविवार को शाम भजन गायक पारस गढ़ा द्वारा संगीतमय प्रस्तुति दी गई। मध्यरात्रि में अंजनशलाका विधान शुरू हुआ, जिसमें देशभर से लगभग 40 जिन प्रतिमाओं का विधान आचार्यश्रीअभयशेखरसूरीश्वरजी, आचार्यश्री हीरचंद्रसूरीश्वरजी व साध्वी संस्कारनिधिश्रीजी की निश्रा में सम्पन्न हुआ। सोमवार को चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान सहित सभी प्रतिमाओं का 108 अभिषेक किया गया। शुभ मुहूर्त में ॐ पुण्यांहम पुण्यांहम, प्रियंताम प्रियंताम की ध्वनि के साथ चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर प्रवेश, प्रतिष्ठा विधि तथा ध्वजारोहण विधिपूर्वक सम्पन्न हुआ।
प्रतिष्ठा के पश्चात भवरीबाई घेवरचंद सुराणा परिवार द्वारा आयोजित धर्मसभा आचार्यश्री अभयशेखरसूरीश्वरजी की निश्रा में सम्पन्न हुई। इस धर्मसभा में सुराणा परिवार द्वारा साधु साध्वियों का गुरुपूजन किया गया तथा कृतज्ञता ज्ञापित की गई।
इस सभा में संतों की निश्रा में मंदिर व भवन निर्माता दिलीप-आनंद सुराणा द्वारा सम्पूर्ण 35,000 वर्गफीट में फैला हुआ सुराणा साधना संकुल, चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन मंदिर, साधु साध्वियों हेतु आधुनिक सुविधाओं से युक्त उपाश्रय, धर्म शिक्षण एवं प्रवचन हेतु हॉल, भोजनशाला, अतिथि निवास, सेवा व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं मुनिसुव्रत कुमारापार्क जैन संघ को सौंपने की घोषणा आचार्यश्री के मुखारविंद से करवाई गई।
कुमारापार्क संघ के अध्यक्ष प्रकाश राठौड़ ने सुराणा परिवार के इस अनुपम समर्पण को सहर्ष स्वीकार करते हुए कहा कि जिस धर्मभावना, भक्ति, त्याग और समर्पण से सुराणा परिवार ने इस साधना संकुल का निर्माण कराया है, उसी भाव को पूर्ण सम्मान देते हुए संघ इसे न केवल संरक्षित करेगा, बल्कि इससे प्रेरित होकर प्रत्येक वर्ष चातुर्मास, तपश्चर्या, आराधना शिविर, प्रवचन, सामायिक, स्वाध्याय एवं समाज कल्याण की गतिविधियाँ आयोजित करेगा। संघ के उपस्थित ट्रस्टीगण, कार्यकारिणी सदस्य एवं संघ के सदस्यों ने सुराणा परिवार को धन्यवाद देते हुए उन्हें जिनशासन गौरव अलंकरण’ से सम्मानित किया।