व्यावहारिक कार्यों के साथ धर्म की संपदा भी बढ़ती रहे: मुनिश्री पुलकित कुमार

यही हमारी आत्मा की खुराक है

व्यावहारिक कार्यों के साथ धर्म की संपदा भी बढ़ती रहे: मुनिश्री पुलकित कुमार

अधिक त्याग, तपस्या तथा आचार्य भिक्षु के सिद्धांतों को अपनाने की प्रेरणा दी

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। तेरापंथ धर्मसंघ के मुनि डॉ. पुलकित कुमार जी एवं आदित्य कुमार जी का मंगलवार का प्रवास इंदिरानगर स्थित भूपेंद्र मुथा के निवास स्थान पर हुआ। 

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मुनिश्री ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में हमारे व्यावहारिक कार्यों के साथ हमारी धर्म की सम्पदा भी बढ़ती रहे, यही हमारी आत्मा की खुराक है। 

इस अवसर पर मुनिश्री ने ॐ भिक्षु के नाम का सवा लाख जाप तथा आचार्य भिक्षु त्रिशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में अधिक से अधिक त्याग, तपस्या तथा आचार्य भिक्षु के सिद्धांतों को अपनाने की प्रेरणा प्रदान की। 

उन्होंने आचार्य भिक्षु त्रिशताब्दी तथा तेरापंथ स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में तेरापंथ सभा गांधीनगर द्वारा पैलेस ग्राउंड पर 6 जुलाई को आयोजित होने वाले विराट धम्म जागरण के संदर्भ में मार्गदर्शन प्रदान किया।

मुनिश्री आदित्य कुमार जी ने ध्यान का प्रयोग करवाते हुए नियमित जाप करवाया। इस अवसर पर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष पारसमल भंसाली, मंत्री विनोद छाजेड़, गौतम मुथा, अभयराज कोठारी ने अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर वरिष्ठ समाज सेवी सरदारमल सुराणा, अणुव्रत समिति के नए अध्यक्ष ललित बाबेल, महावीर मुथा सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे। संदीप मुथा व सुशील बाफना ने भूपेन्द्र मुथा की दिवगंत धर्मपत्नी के जीवन पर आधारित पुस्तक दादी मां एक स्मृति’ मुनिश्री को भेंट की। 

कार्यक्रम का संचालन सभा के मंत्री विनोद छाजेड़ ने किया तथा सभा के वार्षिक अधिवेशन तथा मुनिश्री के आगामी विहार की जानकारी दी। नवनीत मुथा ने धन्यवाद दिया।

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