एसआईआर मतदाता सूची को शुद्ध करने के बारे में कम, लोकतंत्र को 'नष्ट' करने के बारे में अधिक: कांग्रेस
जयराम रमेश ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की
Photo: IndianNationalCongress FB Page
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कांग्रेस ने गुरुवार को बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के चुनाव आयोग के वर्ष 2024 के सर्वेक्षण का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि विशेष गहन पुनरीक्षण मतदाता सूची को शुद्ध करने के बारे में कम और 'लोकतंत्र को नष्ट करने' के बारे में अधिक है।
कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने एक्स पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें दावा किया गया था कि चुनाव आयोग ने बिहार की मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए एक विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू किया है, वहीं मतदाता अंतर्दृष्टि पर उसके अपने 2024 केएपी (ज्ञान, दृष्टिकोण और व्यवहार) सर्वेक्षण में बिहार में मतदाता सूचियों की कथित 'लगभग पूर्ण सटीकता' का उल्लेख किया गया है, जो 'मतदाता सूची प्रणाली की मजबूती' को दर्शाता है।रमेश ने एक्स पर कहा, 'वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों के ठीक बाद बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव आयोग के अपने 2024 केएपी (ज्ञान, दृष्टिकोण और व्यवहार) सर्वेक्षण में कहा गया है कि रोल पहले से ही 'लगभग पूर्ण सटीकता' पर हैं। कई पात्र नागरिक अभी भी नामांकित नहीं हैं - कागजी कार्रवाई और जागरूकता की कमी के कारण।'
जयराम रमेश ने कहा, 'साल 2024 के लोकसभा चुनावों के ठीक बाद बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव आयोग द्वारा किए गए 2024 केएपी सर्वेक्षण में कहा गया कि मतदाता सूचियां पहले से ही 'लगभग पूरी तरह सटीक हैं। कागज़ी झंझट और जागरूकता की कमी के कारण कई योग्य नागरिक अब भी सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं। चुनाव आयोग का ध्यान समावेशन पर होना चाहिए, न कि नागरिकों को मतदान से वंचित करने पर, क्योंकि कई उत्तरदाताओं ने अपने मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करने में आने वाली जटिलताओं का हवाला दिया था।
उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि जनवरी 2025 तक, आयोग को बिहार की मतदाता सूचियों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने की कोई जरूरत महसूस नहीं हुई थी। तो फिर अचानक क्या बदल गया?
उन्होंने कहा, 'क्या यह प्रधानमंत्री की वह गुहार थी, जो अपनी कुर्सी बचाने और चरमराते राजग गठबंधन को किसी भी तरह सहारा देने के लिए बिहार में धांधली के साथ चुनाव कराने पर आमादा हैं?'
जयराम रमेश ने कहा, 'दरअसल, यह एसआईआर मतदाता सूची को दुरुस्त करने के बारे में कम और लोकतंत्र को तहस-नहस करने की साज़िश ज्यादा लगता है।'


