मेंगलूरु कुकर धमाका मामला: ईडी ने कर्नाटक में कई स्थानों पर छापेमारी की

धनशोधन का यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी की प्राथमिकी पर आधारित है

मेंगलूरु कुकर धमाका मामला: ईडी ने कर्नाटक में कई स्थानों पर छापेमारी की

शारिक और उसके साथी कथित तौर पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से प्रेरित थे

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल शहर में हुए कुकर बम धमाके से जुड़े धनशोधन की जांच के तहत कर्नाटक के मेंगलूरु में कुछ स्थानों पर बुधवार को छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

संघीय जांच एजेंसी का धनशोधन का यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की प्राथमिकी पर आधारित है।

ईडी के अधिकारियों ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज मामले में दस्तावेज और सबूत इकट्ठा करने के लिए मेंगलूरु में एक इमारत के अलावा कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी की। मेंगलूरु की इस इमारत में कांग्रेस पार्टी का कार्यालय भी है।

सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने उस इमारत में एक कार्यालय की तलाशी ली और किसी भी राजनीतिक दल के परिसर में कोई छापेमारी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य स्थानों पर भी तलाशी ली गई।

बता दें कि पिछले साल 19 नवंबर को मेंगलूरु के बाहरी इलाके में एक ऑटो रिक्शा में बम धमाका हुआ था और कथित तौर पर तिपहिया वाहन में विस्फोटकों को संभालने वाला व्यक्ति मोहम्मद शारिक इस मामले का मुख्य संदिग्ध है।

धमाके में वह 40 प्रतिशत जल गया था। पुलिस के अनुसार, शारिक और उसके साथी कथित तौर पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से प्रेरित थे और टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप के माध्यम से इसके संपर्क में थे।

पुलिस ने यह भी कहा कि भारत के बाहर उनके आकाओं ने बम बनाने में उनका मार्गदर्शन करने के लिए दस्तावेज भेजा था।

पुलिस ने कहा था कि दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने एक बम बनाया और कर्नाटक में शिवमोग्गा जिले के पास तुंगा नदी के तट पर परीक्षण किया। राज्य पुलिस ने कहा था कि पूरे कर्नाटक में बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की योजना थी।

बता दें कि शिवमोग्गा के जिला मुख्यालय शहर में 15 अगस्त को एक सार्वजनिक स्थान पर हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर लगाने को लेकर हुई सांप्रदायिक झड़प के मामले में भी शारिक का नाम सामने आया था। पुलिस ने आईएस से प्रेरित आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था, लेकिन शारिक ने पुलिस को उस समय चकमा दे दिया था। बाद में मामला एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया था।

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