सिद्दारामैया के लिए चुनौती बनी बादामी सीट

सिद्दारामैया के लिए चुनौती बनी बादामी सीट

बदामी/वार्ता/कलूडा अभिनवकर्नाटक में बागलकोट जिले की हाईप्रोफाइल बादामी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा कांग्रेस ने बाहरी प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। दोनों दलों की सभाओं में लोगों की अच्छी भी़ड उम़ड रही है जिससे इस सीट पर कांटे का मुकाबला नजर आ रहा है और मुख्यमंत्री सिद्दरामैया के लिए यहां से जीत दर्ज करना चुनौतीपूर्ण बन गया है।बादामी सीट पर भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार बाहरी हैं और दोनों ही दो-दो स्थानों से चुनाव ल़ड रहे हैं। मुख्यमंत्री के खिलाफ यहां से भाजपा केबी श्रीरामुलू चुनाव मैदान में हैं। श्रीरामुलू भाजपा सरकार बनने पर उपमुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। वह बेल्लारी से लोकसभा सदस्य हैं। बादामी के अलावा वह चित्रदुर्गा जिले की मल्कालमुरु सीट से भी चुनाव ल़ड रहे हैं। इसी तरह से सिद्दरामैया बादामी के अलावा मैसूर के चामुंडेश्वरी सीट से चुनाव ल़ड रहे हैं।जनता दल (एस) ने हनुमंत मावनामारड को यहां से उम्मीदवार बनाया है। उनका दावा है कि वह १२ साल से जिले की राजनीति में सक्रिय हैं और अपने काम के कारण लोगों में उनकी अच्छी पक़ड है। जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी इस सीट पर भाजपा तथा कांग्रेस के लिए मुसीबत पैदा किए हुए हैं। सोमवार को उन्होंने यहां सभा में बदामी के विकास को लेकर सवाल उठाए। वह दोनों दलों के उम्मीदवारों पर बाहरी होने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पांच साल तक मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र को देखा तक नहीं है तो चुनाव के समय ही उन्हें यहां की याद कैसे आ गयी? यहां से दस निर्दलीय भी भाग्य आजमा रहे हैं।बादामी में पांचवीं से आठवीं शताब्दी तक चालुक्य शासकों का समृद्ध साम्राज्य रहा है। बादामी के चालुक्य शासकों ने यहां चालुक्य शैली के मंदिरों का निर्माण कराया था। चालुक्य शासकों ने यहां कई युद्ध ल़डे और अपने शासन का विस्तार किया। चालुक्य साम्राज्य के समय निर्मित विशिष्ट शैली के मंदिरों के कारण यह क्षेत्र आज पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण बन गया है।ब्य्ंश्च झ्श्नह्र्ड्डैंय्ंध् फ्र्‍ट्ट द्धद्मर्‍ द्धय्ख्रय्द्बर्‍सिद्दरामैया तथा बी श्रीरामुलू के कारण यह चुनाव क्षेत्र कर्नाटक विधानसभा चुनाव का हाईप्रोफाइल चुनाव क्षेत्र बन गया है। सबकी निगाहें इस क्षेत्र पर जमी हुई हैं। यहां विकास का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्य स़डक का निर्माण विधानसभा चुनाव के चरम पर पहुंचने के समय भी जारी है। स़डकों पर निकलना कठिन हो गया है। बादामी में राजमार्ग के चौ़डीकरण का काम चलते एक तरफ मिट्टी और धूल उ़ड रही है दूसरी तरफ ब़डे नेताओं की आवाजाही और मीडिया के लोग यहां भरे हुए हैं। इसी स़डक पर धूल से बचने के लिए मुंह ढके यमुल्ला कहते हैं कि इन दिनों यहां नये-नये लोगों के कारण ज्यादा चहल पहल है। आश्चर्य की बात यह है कि बादामी में विकास की बात कोई नहीं करता है जिससे भी चुनावी माहौल के बारे में पूछा जाता है वह जाति के आधार पर चुनाव में हार-जीत का आंक़डा पेश करने लगता है। मुख्य स़डक पर भाजपा के कार्यालय में बैठे सफेद दा़ढी पर हाथ फेरते हुए हुसैन साहब दावा करते हैं कि यहां का मुसलमान भाजपा को अच्छी तादाद में वोट देगा। मुस्लिम आबादी ३० हजार के करीब है। इस सीट से कांग्रेस के चिम्मनकट्टी वर्तमान में विधायक हैं। पार्टी ने उनका टिकट काटकर इस बार एमबीबीएस डाक्टर देवराज पाटिल को अपना उम्मीदवार बनाया था लेकिन मुख्यमंत्री के इस सीट से चुनाव ल़डने की इच्छा के कारण डॉ पाटिल उम्मीदवारी से हट गए। डॉ पाटिल कहते हैं कि वह मन से मुख्यमंत्री के लिए काम कर रहे हैं। उनका ५० बेड का अस्पताल बेंगलूरु में, १०० बेड का अस्पताल बागलकोट में है तथा २५ बेड का अस्पताल बादामी में है। उनका कहना है कि बादामी की करीब १० हजार तथा आसपास के गांवों के लोगों की सेवा के लिए उनका यह अस्पताल बहुत है। चिम्मनकट्टी इस सीट पर मुख्यमंत्री की उम्मीदवारी को लेकर खुश नहीं हैं।द्नय्ज्झ्य् ृय्स्द्य ·र्ैंय्ैंख्श्नष्ठफ् ख्रह्द्मह्र ·र्ैंय् ज्र्‍त्र ·र्ैंय् ख्रय्प्य्इसके विपरीत भाजपा में इस सीट पर चुनाव ल़डने की उम्मीद लगाए पटनकोटी तथा महंतेश मुमदाप्पू के बारे में बताया जा रहा है कि वह दोनों बी श्रीरामुलू की उम्मीदवारी से बहुत नाराज हैं। उनका हक बाहर के उम्मीदवार ने मारा है जबकि पार्टी नेता तथा तीन बार यहां से विधायक रहे एके पट्टनशेट्टी का कहना है कि पार्टी में सब कुछ ठीक है सभी एकजुट होकर ल़ड रहे हैं। इस क्षेत्र से गद्दी गौ़डा लोकसभा में भाजपा के सदस्य हैं। वह भी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों का दावा है कि इस सीट पर जातीय समीकरण उनके पक्ष में हैं। करीब सवा दो लोख मतदाताओं वाली इस सीट पर जिस उम्मीदवार को ६५ से ७० हजार वोट मिलते हैं उसकी जीत करीब करीब तय हो जाती है। इस हिसाब से सभी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। सीट पर ३० हजार मुस्लिम हैं जिनमें आधे से ज्यादा कांग्रेस तथा जद (एस) के पक्ष में हैं। लिंगायत यहां ७० हजार हैं और दोनों दलों का कहना है कि उन्हें ही यह वोट मिलेंगे। आदिवासी भी श्रीरामुलू के पक्ष में बताए जा रहे हैं। वाल्मीकि ३० हजार से ज्यादा हैं और इस समुदाय का श्रीरामुलू पर भरोसा है। बी ने आदिवासियों और वाल्मीकि समुदाय के लिए यहां भाजपा के आदिवासी कल्याण पदाधिकारी के रूप में लंबे समय तक काम किया है और दावा करते हैं कि उन्होंने ५० हजार विवाह समारोह आयोजित किए जिनमें छह हजार इसी क्षेत्र में किए गए थे।

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