ईरान ने मोसाद के 'जासूस' को फांसी दी
सर्वोच्च न्यायालय ने फैसले को बरकरार रखा

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तेहरान/दक्षिण भारत। ईरान ने दावा किया है कि उसने मोसाद के एक कथित जासूस को फांसी दे दी है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मोसाद के 'जासूस' को पूर्ण आपराधिक मुकदमे के बाद फांसी दी गई। ईरान के सर्वोच्च न्यायालय ने फैसले को बरकरार रखा।
बताया गया कि ईरान ने इस्माइल फ़ेकरी नामक जासूस को फांसी दे दी है, जिसे इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के साथ सहयोग करने और धन के बदले संवेदनशील जानकारी प्रसारित करने का प्रयास करने का दोषी पाया गया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा मौत की सज़ा को अंतिम मंजूरी दिए जाने के बाद उसे सोमवार सुबह फांसी पर चढ़ा दिया गया।ईरानी न्यायपालिका के मीडिया सेंटर द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, फ़ेकरी को दिसंबर 2023 में ईरानी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए एक जटिल खुफिया ऑपरेशन के दौरान गिरफ़्तार किया गया था। वह गिरफ़्तारी के समय मोसाद के गुर्गों के साथ संवाद कर रहा था।
बताया गया कि खोदनाजार के बेटे फ़ेकरी ने दो मोसाद अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखा था और सुरक्षित संचार चैनलों के जरिए अत्यधिक संवेदनशील और वर्गीकृत राष्ट्रीय सुरक्षा जानकारी, जैसे कि रणनीतिक स्थलों की लोकेशन, विशिष्ट व्यक्तियों का विवरण और आंतरिक संगठनात्मक मिशन, को इकट्ठा करने और प्रसारित करने का प्रयास किया था।
मोसाद के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जांच किए जाने के बाद फ़ेकरी ने एजेंसी के साथ सहयोग करना शुरू किया। बाद में उसे आमिर नामक एक दूसरे अधिकारी को सौंपा गया, जिसने खुफिया रिपोर्ट प्रसारित करने के लिए एक नया एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफ़ॉर्म स्थापित करने का निर्देश दिया था। आमिर ने जुलाई 2022 में फ़ेकरी को पेमेंट की सुविधा के लिए अपने फ़ोन पर एक क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट बनाने का भी निर्देश दिया था।
अपनी गुप्त गतिविधियों के बावजूद, ईरानी खुफिया सेवाएं फ़ेकरी के संदेशों पर नज़र रखने और इजराइली शासन से जुड़े जासूसी नेटवर्क की पहचान करने में सक्षम रहीं। उन्हें निगरानी में रखा गया और आखिरकार एक सुरक्षा अभियान चलाकर उसे गिरफ़्तार कर लिया गया।
उसकी गिरफ़्तारी के बाद, सुरक्षा अधिकारियों ने फ़ेकरी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का फ़ोरेंसिक विश्लेषण किया, जिसमें मोसाद हैंडलर्स के विस्तृत संचार और निर्देश सामने आ गए। इनमें जानकारी इकट्ठा करने और इज़राइली खुफिया एजेंसी को सौंपने के स्पष्ट निर्देश शामिल थे।
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि व्यापक कानूनी कार्यवाही के बाद फ़ेकरी को पर्याप्त दस्तावेजी साक्ष्यों, फोरेंसिक निष्कर्षों, खुद के बयानों और मोसाद से प्राप्त पेमेंट के सबूतों के आधार पर दोषी ठहराया गया। सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद फ़ेकरी को फांसी दे दी गई।