भारतीय सेना ने पर्वतारोहण अभियान के जरिए गलवान के बलिदानियों को याद किया

टीम ने अद्भुत सहनशक्ति का प्रदर्शन किया

भारतीय सेना ने पर्वतारोहण अभियान के जरिए गलवान के बलिदानियों को याद किया

यह सैनिकों की शारीरिक और मानसिक दृढ़ता को भी दर्शाता है

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। भारतीय सेना ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में सीमा क्षेत्र पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए माउंट शाही कांगड़ी और माउंट सिल्वर पीक पर पर्वतारोहण अभियान चलाया।

Dakshin Bharat at Google News
इसे 28 मई को जीओसी फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स ले. जनरल हितेश भल्ला ने हरी झंडी दिखाई थी। यह बुधवार को संपन्न हुआ। इस अभियान के जरिए उन लद्दाखी सैनिकों की वीरता को नमन किया गया, जिन्होंने गलवान संघर्ष के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी थी।

आइस एंड रॉक क्राफ्ट में प्रशिक्षित 28 कर्मियों वाली इस टीम ने अत्यधिक ऊंचाई वाले पर्वतारोहण में अद्भुत सहनशक्ति और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया। देपसांग मैदानों के दक्षिण-पश्चिम में कराकोरम पर्वतमाला में स्थित ये चोटियां सालभर बर्फ से ढकी रहती हैं तथा अपनी खास भौगोलिक स्थिति और जलवायु के लिए जानी जाती हैं।

दक्षिण-पूर्व से आते हुए, टीम ने एक छोटा लेकिन ज्यादा चुनौतीपूर्ण रास्ता चुना, जिसमें दरारों और ग्लेशियरों को पार करना पड़ा। यह सैनिकों की शारीरिक और मानसिक दृढ़ता को भी दर्शाता है। इस अभियान ने सैन्य उत्कृष्टता के प्रदर्शन के अलावा साहसिक पर्यटन के लिए इस इलाके की क्षमता पर भी प्रकाश डाला।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download

Latest News

पुण्य जैसे ही कमजोर होता है, हम गलत पर गलत निर्णय लेते जाते हैं: डॉ. समकित मुनि पुण्य जैसे ही कमजोर होता है, हम गलत पर गलत निर्णय लेते जाते हैं: डॉ. समकित मुनि
'जब हम स्वयं को पहचान लेते हैं, तब संसार सागर में भटकना नहीं पड़ता'
संकल्प शक्ति से ही विकास यात्रा संभव है: कमलमुनि कमलेश
भक्त से भगवान बनने की यात्रा है भक्तामर: संतश्री वरुणमुनि
नवकार मंत्र का निरंतर जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति संभव: आचार्यश्री प्रभाकरसूरी
अंकुश का काम करते हुए सबको नियंत्रण में रखते हैं सद्गुरु: आचार्यश्री विमलसागरसूरी
आंखें ही मन का सबसे बड़ा दर्पण होती हैं: संतश्री ज्ञानमुनि
परमात्मा व प्रकृति से जुड़कर अपनी आंतरिक शक्ति को जगाएं: सुधांशु महाराज