योग सभी का है और सभी के लिए है: मोदी

दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की धूम

योग सभी का है और सभी के लिए है: मोदी

Photo: BJP4India FB Page

विशाखापत्तनम/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने योगाभ्यास किया। उन्होंने समारोह को संबोधित भी किया। 

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प्रधानमंत्री ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज 11वीं बार पूरा विश्व 21 जून को एक साथ योग कर रहा है। योग का सीधा-सादा अर्थ होता है-जुड़ना। यह देखना सुखद है कि कैसे योग ने पूरे विश्व को जोड़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं बीते एक दशक में योग की यात्रा को जब देखता हूं, तो बहुत कुछ याद आता है। वह दिन जब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने प्रस्ताव रखा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता मिले और तब कम से कम समय में दुनिया के 175 देश हमारे इस प्रस्ताव के साथ खड़े हुए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की दुनिया में ऐसी एकजुटता, ऐसा समर्थन सामान्य घटना नहीं है। यह सिर्फ एक प्रस्ताव का समर्थन भर नहीं था। यह मानवता के भले के लिए दुनिया का सामूहिक प्रयास था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे सिडनी ऑपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, चाहे एवरेस्ट की चोटियां हों या फिर समुद्र का विस्तार हो। हर जगह से एक ही संदेश आता है - योग सभी का है और सभी के लिए है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'मैं' से 'हम' की यात्रा ही सेवा, समर्पण और सहअस्तित्व का आधार है। यही सोच सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है। दुर्भाग्य से आज पूरी दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है। कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है। ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व में योग के प्रसार के लिए भारत योग के विज्ञान को आधुनिक रिसर्च से और अधिक सशक्त कर रहा है। देश के बड़े-बड़े मेडिकल संस्थान योग पर रिसर्च में जुटे हैं। योग की वैज्ञानिकता को आधुनिक चिकित्सा पद्धति में स्थान मिले, यह हमारा प्रयास है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि आइए, हम सब मिलकर योग को एक जन आंदोलन बनाएं। एक ऐसा आंदोलन, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और समरसता की ओर ले जाए। जहां हर व्यक्ति दिन की शुरुआत योग से करे और जीवन में संतुलन पाए। जहां हर समाज योग से जुड़े और तनाव से मुक्त हो। जहां योग मानवता को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बने। जहां एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग एक वैश्विक संकल्प बन जाए।

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