एयरटेल ने कर्नाटक में ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाओं पर कसी नकेल
1.80 लाख खतरनाक लिंक ब्लॉक किए

भारती एयरटेल के कर्नाटक सीईओ रजनीश वर्मा ने डीजीपी (साइबर अपराध और नारकोटिक्स) डॉ. प्रणब मोहंती से मुलाकात। उन्होंने एयरटेल के फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन के बारे में जानकारी दी।
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। भारती एयरटेल ने कर्नाटक में अपने ग्राहकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के मिशन में मिली कामयाबी की जानकारी साझा की है। कंपनी ने बताया कि एआई-पावर्ड फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम की मदद से सिर्फ 25 दिनों में 1 लाख 80,000 से ज्यादा ऐसे लिंक्स को ब्लॉक किया गया है। इस तरह राज्यभर में 2.3 मिलियन से ज्यादा यूजर्स को सुरक्षित किया गया है।
इस पहल के बारे में कंपनी के कर्नाटक सीईओ रजनीश वर्मा ने कहा 'एयरटेल में, हम अपने ग्राहकों को विभिन्न तरह के फ्रॉड से बचाने के लिए समर्पित हैं। हम अपने नेटवर्क को एआई-संचालित फ्रॉड का पता लगाने वाले सॉल्यूशन के साथ जोड़कर गारंटी देते हैं कि हमारे ग्राहक बिना किसी कार्रवाई के सभी नए खतरों से सुरक्षित रहेंगे।'उन्होंने कहा, 'हम भविष्य के डिजिटल वातावरण को सुरक्षित करने के लिए अभी से काम करना महत्त्वपूर्ण मानते हैं। हमें कर्नाटक में अपने ग्राहकों के लिए ज्यादा सुरक्षित और व्यापक नेटवर्क उपलब्ध करवाकर इस पहल में अग्रणी होने पर गर्व है।'
ऐसे काम करता है सिस्टम
सभी एयरटेल मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए ऑटोमैटिकली इनेबल्ड, एडवांस्ड सिस्टम एसएमएस, वॉट्सऐप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल और अन्य ब्राउज़रों में लिंक को स्कैन और फ़िल्टर करता है। यह रोजाना 1 बिलियन से ज्यादा यूआरएल की जांच करने के लिए रियल टाइम खतरे की जानकारी का लाभ उठाता है और 100 मिलीसेकंड से भी कम समय में हानिकारक वेबसाइटों तक पहुंच को ब्लॉक करता है।
उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति को कोई संदिग्ध मैसेज मिलता है, जिसमें पैकेज डिले का जिक्र होने के साथ एक लिंक दिया होता है। अगर वह व्यक्ति अनजाने में उस लिंक पर क्लिक करता है तो एयरटेल का सिस्टम भी शुरू हो जाता है। यह तुरंत लिंक को स्कैन करता है। अगर उसे कुछ भी संदिग्ध मिलता है तो एक्सेस को ब्लॉक कर देता है। इसके साथ ही यूजर को एक वार्निंग मैसेज मिलता है कि यह सामग्री ब्लॉक की गई है। एयरटेल ने इसे खतरनाक पाया है।
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