प्रधानमंत्री के भाषण को देखने की कोई आवश्यकता नहीं : सिद्दरामैया

प्रधानमंत्री के भाषण को देखने की कोई आवश्यकता नहीं : सिद्दरामैया

मैसूरू। मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की अनिवार्यता पर गंभीर आपत्ति जताई है जो आरएसएस की विचारधारा वाले दीनदयाल उपाध्याय की शताब्दी और स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण की १२५ वीं वर्षगांठ पर सोमवार को आयोजित किया गया। यहां संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री ने हिंदुत्व की विचारधारा से संबंधित भाषण दिया है, तो इस तरह के भाषण को छात्रों द्वारा नहीं देखा जाना चाहिए। दीनदयाल उपाध्याय वाला भाषण हिंदुत्व की विचारधारा का हो सकता है, इसलिए इसे देखना अनिवार्य नहीं है। उनके पास इस कार्यक्रम पर पूरी जानकारी नहीं है और वे विश्वविद्यालय के अधिकारियों से बात करेंगे। पूरे भारत में शैक्षिक संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा विद्यार्थियों को लाइव प्रसारण देखने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। इस बीच, उच्च शिक्षा मंत्री बसवराज रायरेड्डी ने कहा कि राज्य ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि यह स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण की १२५ वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि वे हिंदुत्व की विचारधारा के प्रसार के लिए एक ही मंच को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में राज्य में अच्छी बारिश हुई है और किसान खुश हैं। राज्य में बीज या उर्वरक की कोई कमी नहीं है।र्झ्ष्ठ्यूय्त्र द्बब्फ्रूफ् द्म ·र्ैंद्यष्ठ्र ्यख्रझ्रद्भैंय्ख् दृ ्यफ्सद्यय्द्बस्द्भय्मुख्यमंत्री ने बेंगलूरु में एक कार्यक्रम में दिव्यांगों को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांगों को भी समाज के अन्य लोगों की भांति ही जीवन जीना चाहिए न कि अपनी दिव्यांगता पर उन्हें निराश, उदास या उपेक्षित महसूस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांग लोगों को आत्म सम्मान और गरिमा के साथ जीवन का नेतृत्व करना है। सिद्दरामैया ने कहा कि कर्नाटक में दिव्यांगों की पहचान करने के लिए राज्य सरकार एक सर्वेक्षण कराएगी। इस अवसर पर सिद्दरामैया ने करीब २००० दिव्यांगों के बीच दोपहिया वाहन वितरित किए। दिव्यांग लोगों के लिए कार्यान्वित कल्याणकारी योजनाओं पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार लगातार दिव्यांगों के कल्याणार्थ कई योजनाएं संचालित कर रही है और वर्ष-२०१७ में दिव्यांगों के लिए बजट आवंटन १०७४ करो़ड रुपए किया गया जो वर्ष-२०१४ में ६४७ करो़ड रुपए था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दिसम्बर तक कुल ४००० दिव्यांग लोगों के बीच दोपहिया का वितरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगों के लिए राज्य सरकार रोजगार में आरक्षण और पंेशन दे रही है। साथ ही दिव्यांग लोगों से शादी करने वाले लोगों को सरकार ५०,००० रुपए का प्रोत्साहन दे रही है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में कर्नाटक सबसे आगे है इसके लिए राज्य सरकार को एक राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।

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