ट्रंप की धमकी बेअसर, भारत अब रूस से खरीद रहा इतना तेल
अपने रुख पर अटल है भारत
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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। अगस्त में भारत की रूसी तेल खरीद बढ़कर 2 मिलियन बैरल प्रतिदिन हो गई है, क्योंकि रिफाइनर कंपनियां अपने सोर्सिंग निर्णयों में आर्थिक विचारों को प्राथमिकता दे रही हैं।
वैश्विक रियल-टाइम डेटा और एनालिटिक्स प्रदाता केप्लर के अनुसार, अगस्त के पहले पखवाड़े में आयातित अनुमानित 5.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल में से 38 प्रतिशत रूस से आया।रूस से आयात 20 लाख बैरल प्रतिदिन रहा, जो जुलाई में 16 लाख बैरल प्रतिदिन था। रूसी आयात में यह वृद्धि इराक से होने वाली खरीद की कीमत पर हुई, जो जुलाई में 907 बैरल प्रतिदिन से घटकर अगस्त में 7,30,000 बैरल प्रतिदिन रह गई, और सऊदी अरब से भी, जो पिछले महीने 7,00,000 बैरल प्रतिदिन से घटकर 5,26,000 बैरल प्रतिदिन रह गई।
केप्लर के अनुसार, अमेरिका 264,000 बीपीडी के साथ पांचवां सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता था।
केप्लर के प्रमुख शोध विश्लेषक (रिफाइनिंग एवं मॉडलिंग) सुमित रिटोलिया ने कहा, 'भारत में रूसी कच्चे तेल का आयात अगस्त में अब तक स्थिर बना हुआ है, यहां तक कि जुलाई 2025 के अंत में ट्रंप प्रशासन द्वारा टैरिफ की घोषणा के बाद भी।'
उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन अब जो स्थिरता हम देख रहे हैं, वह मुख्यतः समय की वजह से है - अगस्त का माल जून और जुलाई की शुरुआत में ही तय हो गया था, किसी भी नीतिगत बदलाव से काफी पहले।'
उन्होंने कहा कि आज जो आंकड़े दिख रहे हैं, वे सप्ताह पहले लिए गए फैसलों को दर्शाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि प्रवाह में कोई भी वास्तविक समायोजन - चाहे वह टैरिफ, भुगतान संबंधी मुद्दों या शिपिंग संबंधी बाधाओं के कारण हो - सितंबर के अंत से अक्टूबर तक आगमन के दौरान ही दिखाई देने लगेगा।
उन्होंने कहा कि रूस से होने वाली बिक्री में कटौती करने का कोई सरकारी निर्देश नहीं है। 'इसलिए नीतिगत दृष्टिकोण से, यह सामान्य बात है।'
भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन अरविंदर सिंह साहनी ने भी कहा कि सरकार ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से अमेरिकी आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने के फैसले के बाद मास्को से खरीद में धीमी गति से आगे बढ़ने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है। ट्रंप ने रूसी तेल के निरंतर आयात के लिए भारत से अमेरिकी आयात पर कुल शुल्क को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया है।
उन्होंने कहा, 'न तो हमें खरीदने के लिए कहा जा रहा है और न ही न खरीदने के लिए। हम रूसी कच्चे तेल की हिस्सेदारी बढ़ाने या घटाने के लिए कोई अतिरिक्त प्रयास नहीं कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून में आईओसी द्वारा प्रसंस्कृत कच्चे तेल में रूसी तेल का हिस्सा लगभग 22 प्रतिशत था तथा निकट भविष्य में भी इसकी मात्रा इतनी ही रहने की उम्मीद है।


