मुख्य चुनाव आयुक्त ने एसआईआर का बचाव किया

कहा- कुछ पार्टियां 'गलत सूचना' फैला रही हैं

मुख्य चुनाव आयुक्त ने एसआईआर का बचाव किया

Photo: ECI Website

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। चुनाव आयोग ने रविवार को यहां राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

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इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का मकसद मतदाता सूची में सभी कमियों को दूर करना है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल इसके बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं।

मुख्य चुनाव आयोग ने दोहरे मतदान और 'वोट चोरी' के आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया। उन्होंने कहा कि सभी हितधारक पारदर्शी तरीके से विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

विपक्ष द्वारा बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के समय पर सवाल उठाए जाने पर ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह एक मिथक है कि एसआईआर जल्दबाजी में किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को सही करना चुनाव आयोग का कानूनी कर्तव्य है।

'यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल और उनके नेता बिहार में एसआईआर पर गलत सूचना फैला रहे हैं ... कुछ राजनीतिक दल चुनाव आयोग के कंधे से निशाना साध रहे हैं। चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों से बिहार में मसौदा मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज करने का आग्रह करता है... अभी 15 दिन बाकी हैं।'

उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं और बूथ स्तर के अधिकारी और एजेंट पारदर्शी तरीके से मिलकर काम कर रहे हैं।'

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता और सत्तारूढ़ तथा विपक्षी दोनों दल चुनाव प्राधिकार के समक्ष समान हैं।

उन्होंने कहा, 'यदि चुनाव याचिकाएं 45 दिनों के भीतर दायर नहीं की जातीं, लेकिन वोट चोरी के आरोप लगाए जाते हैं, तो यह भारतीय संविधान का अपमान है।'

ज्ञानेश कुमार ने जोर देकर कहा कि न तो चुनाव आयोग और न ही मतदाता दोहरे मतदान और 'वोट चोरी' के निराधार आरोपों से डरते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग कुछ लोगों द्वारा की जा रही राजनीति की परवाह किए बिना सभी वर्गों के मतदाताओं के साथ दृढ़ रहेगा।

उन्होंने सवाल किया, 'चुनाव प्रक्रिया में एक करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी लगे हुए हैं। क्या इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में 'वोट चोरी' हो सकती है?'

बता दें कि यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन और कांग्रेस द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों पर अपना हमला तेज़ कर दिया है।

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