किसान हित की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
कोई भी कंपनी इतने बड़े बाजार की अनदेखी नहीं कर सकती
सरकार को चाहिए कि वह किसानों को उद्यमिता की ओर लेकर जाए
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमेरिकी शुल्क में बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए जिन शब्दों में किसानों के साथ एकजुटता जताई, उससे डोनाल्ड ट्रंप को स्पष्ट संदेश मिल गया है कि भारत अपने कृषक समुदाय के हितों को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। आज अमेरिका जो तेवर दिखा रहा है, वे कितने दिन चलेंगे? भारत 140 करोड़ से ज्यादा आबादी वाला देश है। कोई भी कंपनी इतने बड़े बाजार की अनदेखी नहीं कर सकती। हमारे खेतों की उपज का बहुत बड़ा हिस्सा यहीं खरीद लिया जाता है। शिवराज सिंह चौहान ने सत्य कहा कि भारत की तुलना में आनुवंशिक रूप से संवर्धित और अन्य तकनीकों के उपयोग के कारण अमेरिका में प्रति हेक्टेयर उत्पादन लागत कम है। क्या हम ऐसी तकनीक विकसित नहीं कर सकते कि भारतीय किसान कम लागत में ज्यादा उपज ले सकें? चूंकि अमेरिकी किसानों के पास 10,000 से 15,000 हेक्टेयर कृषि जोत है, जबकि भारतीय किसानों के पास तीन एकड़ से भी कम है। ऐसे में हम इजराइली मॉडल अपनाकर उपज बढ़ा सकते हैं। इजराइल के पास जमीन की कमी है। उसे जो जमीन मिली, वह रेतीली, पथरीली और बंजर थी। इजराइली वैज्ञानिकों ने अपनी सूझबूझ से कमाल कर दिया। वहां इमारतों की छतों और दीवारों पर भी खेती होती है! बेशक इजराइल को कम जमीन मिली, लेकिन उसने वैज्ञानिक विधियों के जरिए उसे ही कई गुणा बढ़ा दिया। हमारे देश में कृषि योग्य जमीन खूब है। यहां करोड़ों इमारतें हैं। अगर खाली जगह का भरपूर इस्तेमाल किया जाए तो उपज में कई गुणा बढ़ोतरी हो सकती है।


