'सरलता, सादगी और सौहार्द से जीवन जीएं'

'सरलता, सादगी, सौहार्द, करुणा एवं मधुर व्यवहार से जीवन निर्वाह करना चाहिए'

'सरलता, सादगी और सौहार्द से जीवन जीएं'

' गुणों के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर की अशांति को शांत कर सकता है'

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के श्वेतांबर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, विल्सनगार्डन में रविवार को रक्षाबंधन पर प्रवचन देते हुए साध्वी आगमश्री ने कहा कि 'सादा जीवन उच्च विचार' व्यक्ति को आत्मा से परमात्मा बनने के मार्ग पर आगे बढ़ाता है। जीवन में जितनी सरलता होगी, व्यक्ति उतना ही अधिक प्रगति करता चला जाएगा।

Dakshin Bharat at Google News
उन्होंने कहा कि हमें सरलता, सादगी, सौहार्द, करुणा एवं मधुर व्यवहार से जीवन निर्वाह करना चाहिए। इन गुणों के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर की अशांति को शांत कर सकता है और संसार से भी सामंजस्य बना सकता है। हमें अपने जीवन को केवल सांसारिक उपलब्धियों तक सीमित न रखते हुए, आध्यात्मिक साधना और आत्मकल्याण के उद्देश्य से जोड़ना चाहिए।

साध्वी आगमश्री ने कहा कि हमें कर्मयोगी श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेकर धर्म, कर्तव्य और आत्मिक अनुशासन के मार्ग पर चलना चाहिए। हमें गौमाता का सम्मान करना चाहिए। गौ सेवा से जीवदया और अहिंसा के भाव पुष्ट होते हैं। 

वासुदेव श्री कृष्ण ने सुदामा के साथ मैत्री का ऐसा आदर्श प्रस्तुत किया है जो सारे संसार में मैत्री का आदर्श है। मैत्री धन से नहीं, भावों की उच्चता से नापी जाती है। बिना किसी भेदभाव के मित्रों से प्रेम और सच्ची मित्रता निभाना आवश्यक है।

मित्रता में राग नहीं, सहयोग और आत्मीयता होनी चाहिए। जैन धर्म में मैत्री भाव’ को बहुत महत्व दिया गया है। यह सभी जीवों के प्रति समभाव रखने की भावना है। 

सभा में गंगानगर संघ के संरक्षक अमरचंद गुंदेचा, महावीर गुंदेचा, कैलाशचंद गन्ना आदि उपस्थित थे। संघ के चेयरमैन मीठालाल मकाणा ने स्वागत किया। अध्यक्ष नेमीचंद भंसाली ने आभार व्यक्त किया। मंत्री सज्जन बोहरा ने संचालन किया।

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download