आज़ादी का दिन: मोदी ने देशवासियों को दिया बड़ा तोहफा
दीपावली तक जीएसटी दरों में होगी कटौती
Photo: narendramodi FB Page
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि दीपावली तक जीएसटी की दरें कम कर दी जाएंगी, जिससे रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं की कीमतें कम हो जाएंगी। सरकार आठ साल पुरानी जीएसटी व्यवस्था में सुधार करना चाहती है।
79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा कि उसने प्रस्ताव दिया है कि अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर दो स्लैब - मानक और योग्यता - में कर लगाया जाएगा और कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर विशेष दरें लगाई जाएंगी।यह वर्तमान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचे का स्थान लेगा, जिसमें वस्तुओं की बिक्री और सेवाओं के प्रावधान पर चार अलग-अलग श्रेणियों - 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत - में कर लगाया जाता है, जबकि विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की उच्चतम दर के अतिरिक्त कर लगाया जाता है।
मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, 'इस दीपावली मैं आपके लिए दोहरी दीपावली बनाने जा रहा हूं।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में उनकी सरकार ने जीएसटी में बड़े सुधार किए हैं। उन्होंने कहा, 'हमने राज्यों के साथ चर्चा की है और हम अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार ला रहे हैं, जिससे पूरे देश में कर का बोझ कम होगा।'
उन्होंने कहा, 'आम आदमी की ज़रूरत की चीज़ों पर टैक्स में भारी कमी आएगी। हमारे एमएसएमई को इससे बहुत फ़ायदा होगा। रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती हो जाएँगी, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था भी मज़बूत होगी।'
बिना विस्तृत जानकारी दिए मोदी ने कहा कि जीएसटी के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों की योजना बनाई जा रही है, जो नागरिकों के लिए दीपावली का उपहार होगा।
प्रधानमंत्री के संबोधन के तुरंत बाद, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने जीएसटी सुधारों के लिए केंद्र के ब्लूप्रिंट का अनावरण किया, जो संरचनात्मक सुधारों, दरों को युक्तिसंगत बनाने और जीवन की सुगमता के तीन स्तंभों पर आधारित होगा।
वित्त मंत्रालय ने जीएसटी परिषद द्वारा गठित राज्यों और केंद्र के मंत्रियों के एक समूह को एक प्रस्ताव दिया है, जिसमें आम आदमी की वस्तुओं और आकांक्षात्मक वस्तुओं पर करों में कटौती करने की मांग की गई है, ताकि सामर्थ्य में वृद्धि हो, उपभोग को बढ़ावा मिले और आवश्यक तथा आकांक्षात्मक वस्तुएं व्यापक जनसंख्या के लिए अधिक सुलभ हो सकें।


