कोई भी विदेशी शक्ति हमारे व्यापारिक विकल्पों को तय नहीं कर सकती: सिद्दरामय्या

'ट्रंप टैरिफ के बारे में राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान से सहमत हूं'

कोई भी विदेशी शक्ति हमारे व्यापारिक विकल्पों को तय नहीं कर सकती: सिद्दरामय्या

Photo: @siddaramaiah X account

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने गुरुवार को कहा कि वे राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान कि 'ट्रंप का 50 प्रतिशत टैरिफ आर्थिक ब्लैकमेल है, जो भारत को अनुचित व्यापार समझौते के लिए मजबूर करने का प्रयास है' से पूरी तरह सहमत हैं।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे जीएसटी हो, नोटबंदी हो, चीनी आक्रामकता हो, मोदानी गठजोड़ हो, या कोविड की विफलताएं, कृषि कानून, राफेल, पीएम केयर्स और चुनावी बांड - राहुल गांधी ने इन सब पर पहले ही निशाना साधा था। भाजपा ने उनका मज़ाक उड़ाया, लेकिन वे बार-बार सही साबित हुए।

बता दें कि राहुल गांधी ने अपने उक्त बयान में आगे यह भी कहा कि बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी 'कमजोरी' को भारतीय जनता के हितों पर हावी न होने दें।

सिद्दरामय्या ने राहुल के क​थन का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ़ पर उनकी चेतावनी भी इससे अलग नहीं है। यह आर्थिक ब्लैकमेल है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वास्तविक कूटनीति और राष्ट्रीय हित पर सुर्खियां बटोरने को तरजीह देने का नतीजा है।

सिद्दरामय्या ने कहा कि साल 2019 से, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को खुश करने के लिए हर संभव प्रयास किया- हाउडी मोदी (जहां 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा लगाया गया था) से लेकर, कोविड के खतरे के दौरान नमस्ते डोनाल्ड ट्रंप की मेजबानी करने से लेकर, मागा + मीगा = मेगा गढ़ने तक। यहां तक कि उन्होंने एलन मस्क से भी संपर्क साधा, क्योंकि उन्हें पता था कि वे ट्रंप के साथ संबंध रखते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, लेकिन ट्रंप इससे प्रभावित नहीं हुए। उन्होंने इसे कूटनीति नहीं, बल्कि आत्मसमर्पण समझा। फिर उन्होंने वही किया जो एक सच्चा दोस्त भी नहीं करता। उन्होंने 33 बार (और अब भी) दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित की है।

सिद्दरामय्या ने कहा कि ट्रंप ने पाकिस्तान सेना प्रमुख की मेजबानी की, वही व्यक्ति जिसके नफरत भरे भाषणों के कारण पहलगाम आतंकवादी हमला हुआ था। उन्होंने गाजा पर इजराइल के क्रूर हमले का समर्थन किया और प्रधानमंत्री मोदी सिर्फ वॉशिंगटन की नजरों में बने रहने के लिए चुप रहे। इन सबके बीच - कोई विरोध नहीं, कोई प्रतिरोध नहीं, कोई गरिमा नहीं।

सिद्दरामय्या ने कहा कि अब, ट्रंप भारत पर अनुचित टैरिफ लगा रहे हैं। इससे भी बदतर, वे हमें रूस के साथ संबंध तोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो हमारी संप्रभुता पर सीधा हमला है। कोई भी विदेशी शक्ति हमारे व्यापारिक विकल्पों को तय नहीं कर सकती। यह विदेश नीति को व्यक्तिगत जनसंपर्क अभियान की तरह चलाने की कीमत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्तर के दशक में, इंदिरा गांधी अमेरिकी दबाव के खिलाफ डटी रहीं। उनकी विरासत पर हमला करने के बजाय, प्रधानमंत्री मोदी को इससे सीख लेनी चाहिए। भारत को अपनी सामरिक स्वायत्तता को गरिमा के साथ बनाए रखना चाहिए, न कि फोटो खिंचवाने के लिए उसे छोड़ देना चाहिए। विपक्ष के नेता की दूरदर्शी चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करने की देश को काफी कीमत चुकानी पड़ी है। अब समय आ गया है कि मोदी सरकार समझदार बने और भारत के हित में काम करे।

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