मोदी राज में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं बढ़ी : देवेगौडा

मोदी राज में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं बढ़ी : देवेगौडा

कुडलिगी/दक्षिण भारतपूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (एस) सुप्रीमो एचडी देवेगौ़डा ने आरोप लगाया है कि केंद्र में मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कार्यकाल के दौरान पूरे देश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में ब़ढोत्तरी हुई है। वह सोमवार को यहां एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। देवेगौ़डा ने दावा किया कि जिस समय वह देश के प्रधानमंत्री थे, उस दौरान कश्मीर जैसे हिंसा प्रभावित राज्य में हिंसक घटनाएं न्यूनतम स्तर पर आ गई थीं। पूरे देश में हिंसक गतिविधियों पर भी लगाम कसी गई थी। देवेगौ़डा ने कहा, ’’मैंने बहुत ध्यान से देखते हुए यह पाया है कि प्रधानमंत्री के तौर पर मेरे १० महीने के कार्यकाल की अपेक्षा भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार के अब तक के कार्यकाल के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में २८ प्रतिशत की ब़ढोत्तरी हुई है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने उत्तर-पूर्वी राज्यों का सघन दौरा किया था, जो उनके पहले या बाद के किसी अन्य प्रधानमंत्री ने नहीं किया। इसके साथ ही उन्होंने सुनिश्चित किया कि उनके कार्यकाल में देश के किसी भी हिस्से में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं न हो सकें।देवेगौ़डा ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के साथ जाति आधारित हिंसा और प्रता़डना की घटनाओं में काफी ब़ढोत्तरी हुई है। वहां अनुसूचित जाति के युवकों की भे़ड या बकरी का मांस खाने पर खुलेआम हत्या कर दी गई और अल्पसंख्यक वर्गों के लोगों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को स्वीकार करने के लिए धमकियों का प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा, ’’मैं अपने देश में शांति देखना चाहता हूं्। क्या आपको लगता है कि कांग्रेस और जनता दल (एस) ने कोई स्वार्थ साधने के लिए कर्नाटक में सरकार गठित की? हमने सिर्फ इसलिए आपस में हाथ मिलाया ताकि भाजपा को सत्ता में आने से रोका जा सके। हम चाहते हैं कि वर्ष २०१९ के संसदीय चुनाव में भाजपा को दोबारा केंद्र की सत्ता में आने का मौका नहीं मिले। हमें अपने व्यक्तित्व से जु़डे छोटे मतभेदों को भुलाकर अगले संसदीय चुनाव में बेहतर नतीजे हासिल करने के लिए एक संगठित ताकत के रूप में काम करना चाहिए।’’

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