प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया, कोरोना को मात देने के लिए 22 को ‘जनता कर्फ्यू’ का आह्वान

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया, कोरोना को मात देने के लिए 22 को ‘जनता कर्फ्यू’ का आह्वान

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात आठ बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए वैश्विक कोरोना संकट का उल्लेख करते हुए इससे मुकाबले के लिए देशवासियों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है। आमतौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है, लेकिन इस बार यह संकट ऐसा है, जिसने विश्वभर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है।

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मोदी ने कहा कि इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं, लेकिन बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है। वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की यह सोच सही नहीं है। इसलिए, प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है।

मोदी ने देशवासियों से कहा कि मैंने आपसे जब भी, जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है। मैं 130 करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।

मोदी ने कहा कि दुनिया के जिन देशों में कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है, वहां अध्ययन में एक और बात सामने आई है। इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है। इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।

मोदी ने कहा कि अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है। आज जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं, तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, यह मानना गलत है।

मोदी ने कहा कि आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे। केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे। आज हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे।

मोदी ने कहा कि इस तरह की वैश्विक महामारी में एक ही मंत्र काम करता है- ‘हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ।’ ऐसी स्थिति में, जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है।

मोदी ने कहा कि इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम। और संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना। अगर आपको लगता है कि आप ठीक हैं, आपको कुछ नहीं होगा, आप ऐसे ही मार्केट में घूमते रहेंगे, सड़कों पर जाते रहेंगे, और कोरोना से बचे रहेंगे, तो ये सोच सही नहीं है। ऐसा करके आप अपने साथ और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे।

मोदी ने कहा कि मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। जितना संभव हो सके, आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें।

मोदी ने कहा कि मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों, 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें। मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है जनता-कर्फ्यू यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू।

मोदी ने कहा कि इस रविवार यानी 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करना है। 22 मार्च को हमारा यह प्रयास हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।

मोदी ने कहा कि आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं। पिछले दो महीनों से लाखों लोग, अस्पतालों में, एयरपोर्ट्स पर, दिन-रात काम में जुटे हुए हैं। चाहे डॉक्टर हों, नर्स, हॉस्पिटल का स्टाफ, सफाई करने वाले हमारे भाई-बहन, एयरलाइंस के कर्मचारी, पुलिसकर्मी, मीडिया कर्मी, रेलवे-बस-ऑटो रिक्शा की सुविधा से जुड़े लोग, होम डिलिवरी करने वाले लोग, ये अपनी परवाह न करते हुए दूसरों की सेवा में लगे हुए हैं।

आज की परिस्थितियां देखें, तो ये सेवाएं सामान्य नहीं कही जा सकतीं। आज खुद इनके भी संक्रमित होने का पूरा खतरा है। बावजूद इसके ये अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, दूसरों की सेवा कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें। रविवार शाम को ठीक पांच बजे, हम अपने घर के दरवाजे, बाल्कनी या खिड़कियों के सामने खड़े होकर पांच मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें।

मोदी ने कहा कि इस वैश्विक महामारी का अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19 इकोनॉमिक रेस्पॉन्स टास्क फोर्स के गठन का फैसला लिया है।

मोदी ने कहा कि संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें। हो सकता है आने वाले कुछ दिनों में ये लोग दफ्तर न आ पाएं, आपके घर न आ पाएं। ऐसे में उनका वेतन न काटें, पूरी मानवीयता के साथ, संवेदनशीलता के साथ फैसला लें। हमेशा याद रखिएगा, उन्हें भी अपना परिवार चलाना है, अपने परिवार को बीमारी से बचाना है।

मोदी ने कहा कि मेरा सभी देशवासियों से यह आग्रह है कि ज़रूरी सामान संग्रह करने की होड़ न लगाएं। मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी न हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। आप सामान्य रूप से ही खरीदारी करे, पैनिक बायिंग न करें।

मोदी ने कहा कि संकट के इस समय में आपको यह भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे अस्पतालों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है। इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें।

मोदी ने कहा कि पिछले दो महीनों में 130 करोड़ भारतीयों ने, देश के हर नागरिक ने देश के सामने आए इस संकट को अपना संकट माना है। भारत के लिए, समाज के लिए उससे जो बन पड़ा है, उसने किया है। मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भी आप अपने कर्तव्यों का, अपने दायित्वों का इसी तरह निर्वहन करते रहेंगे। मैं मानता हूं कि ऐसे समय में कुछ कठिनाइयां भी आती हैं, आशंकाओं और अफवाहों का वातावरण भी पैदा होता है। कुछ दिन में नवरात्र का पर्व आ रहा है। ये शक्ति उपासना का पर्व है। भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े, यही शुभकामना है।

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