पाक ने 3 युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके सिंधु जल संधि की भावना का उल्लंघन किया: भारत
भारत ने सिंधु जल संधि पर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दुष्प्रचार की कड़ी आलोचना की

Photo: Indianarmy.adgpi FB Page
संयुक्त राष्ट्र/दक्षिण भारत। भारत ने सिंधु जल संधि पर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के दुष्प्रचार की कड़ी आलोचना की और कहा कि इस्लामाबाद ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले करके इसकी भावना का उल्लंघन किया है, जिसका उद्देश्य नागरिकों के जीवन, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा, 'हम सिंधु जल संधि के संबंध में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा फैलाई जा रहीं गलत सूचनाओं का जवाब देने के लिए बाध्य हैं। भारत ने हमेशा एक ऊपरी तटवर्ती देश के रूप में जिम्मेदाराना तरीके से काम किया है।'हरीश स्लोवेनिया के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अरिया फॉर्मूला बैठक को संबोधित कर रहे थे, जिसका विषय था ‘सशस्त्र संघर्ष में जल की सुरक्षा - नागरिक जीवन की सुरक्षा’।
हरीश ने पाकिस्तान द्वारा की गई गलत सूचना को उजागर करने के लिए चार पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिसमें भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के निर्णय के बारे में बताया गया था।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण हमले के बाद भारत ने फैसला लिया था कि वर्ष 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन देना बंद नहीं कर देता।
हरीश ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में कहा कि भारत ने 65 वर्ष पहले सद्भावनापूर्वक सिंधु जल संधि की थी।
इस बात का उल्लेख करते हुए कि संधि की प्रस्तावना में कहा गया है कि इसे ‘सद्भावना और मैत्री की भावना से’ संपन्न किया गया था, हरीश ने कहा कि इन साढ़े छह दशकों के दौरान, पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकवादी हमले करके संधि की भावना का उल्लंघन किया है।
भारतीय राजदूत ने रेखांकित किया कि पिछले चार दशकों में आतंकवादी हमलों में 20,000 से अधिक भारतीयों की जान गई है, जिनमें से सबसे हालिया हमला पहलगाम में पर्यटकों पर किया गया नृशंस आतंकवादी हमला था।