भारतीय सेना ने पाक को पहुंचा दिया भारी नुकसान, उबरने में लग जाएंगे इतने महीने!
भारत के जवाबी हमले से पाकिस्तान के कम से कम 64 फौजी मारे गए थे

Photo: ADGPI
श्रीनगर/दक्षिण भारत। भारतीय सेना की चिनार कोर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लीपा घाटी में सैन्य बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारतीय सेना के अधिकारियों का अनुमान है कि पाकिस्तान को बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण में 8-12 महीने लगेंगे।
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के अग्रिम गांव तंगधार में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दौरे के दौरान, मई के दूसरे सप्ताह में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान संघर्ष विराम उल्लंघन पर भारतीय सेना की प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सैन्य बुनियादी ढांचे का विनाश स्पष्ट था।भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हमने कम से कम तीन चौकियां, एक गोला-बारूद डिपो, ईंधन भंडारण सुविधा और तोपखाना तथा अन्य ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। हमारी जवाबी कार्रवाई इतनी विनाशकारी थी कि पाकिस्तान को पुनर्निर्माण में कम से कम 8-12 महीने लगेंगे, संभवतः इससे भी अधिक समय लगेगा।'
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय ठिकानों को निशाना बनाने के लिए हवाई प्लेटफॉर्म सहित भारी हथियारों का इस्तेमाल किया, लेकिन कोई नुकसान पहुंचाने में असफल रही।
दूसरे अधिकारी ने कहा, 'हमारे स्वदेशी रूप से विकसित आकाशदीप रडार सिस्टम ने शानदार प्रदर्शन किया, जबकि हमारी वायु रक्षा तोपों ने उनके हवाई प्लेटफार्मों को बेअसर कर दिया। हमारा सैन्य बुनियादी ढांचा बरकरार है, जबकि दुश्मन का सफाया हो गया है।'
अधिकारियों ने बताया कि लीपा घाटी में कई खाली सैन्य ढांचे मौजूद थे, लेकिन भारतीय सेना ने केवल उन्हीं को निशाना बनाया, जहां अधिकतम नुकसान पहुंचाया जा सकता था।
विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर अधिकारियों ने बताया कि मई के दूसरे सप्ताह में जवाबी हमले के दौरान चिनार कोर द्वारा कम से कम 64 पाकिस्तानी सैन्यकर्मी मारे गए तथा 96 घायल हुए।
चिनार कोर के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'संदेश स्पष्ट था - हमारी जवाबी कार्रवाई 1:3 के अनुपात में होगी, जिसका अर्थ है कि भारतीय सेना प्रत्येक पाकिस्तानी संघर्ष विराम उल्लंघन के लिए तीन गुना अधिक ताकत से हमला करेगी।'
चिनार कोर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इंटरसेप्ट किए गए संचार से पता चला है कि कैसे एक पाकिस्तानी सेना कमांडर मस्जिद के अंदर छिपकर सैनिकों को पहले जान बचाने का निर्देश दे रहा था। एक संदेश था 'पहले जान बचाओ, दफ्तर बाद में फिर से खुलेंगे'।
About The Author
Related Posts
Latest News
