कर्नाटक: पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की पत्नी की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ी
मुफ्त कानूनी सहायता मिलेगी
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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। सत्र न्यायालय ने दिवंगत पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की पत्नी पल्लवी की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ा दी है। यह मामला पति की हत्या से संबंधित है। न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि पल्लवी को मुफ्त कानूनी सहायता के जरिए कानूनी प्रतिनिधित्व उपलब्ध कराया जाए।
शुक्रवार को जेल से वर्चुअल पेशी के दौरान अदालत को बताया गया कि पल्लवी के पास कोई वकील नहीं है। पूछताछ करने पर उन्होंने पीठ को बताया कि वे वकील का खर्च वहन करने में असमर्थ हैं।इसके बाद न्यायालय ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के माध्यम से उन्हें सहायता उपलब्ध कराने की पेशकश की। इस पर उन्होंने सहमति दे दी। डीएलएसए को एक वकील नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं, जो उन्हें सूचित रखेगा और मामले के घटनाक्रम पर उन्हें परामर्श देगा।
इसके अलावा, वास्तविक शिकायतकर्ता के वकील विनय कुमार सिंह ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 338(2) के तहत एक आवेदन के साथ वकालतनामा दायर किया, जिसमें अभियोजन पक्ष की सहायता करने की अनुमति मांगी गई। न्यायालय ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली, जिससे उन्हें मुकदमे के दौरान विशेष लोक अभियोजक के साथ काम करने का अधिकार मिल गया।
पल्लवी की न्यायिक हिरासत अगली सुनवाई तक बढ़ा दी गई है, जो 12 सितंबर, 2025 को निर्धारित है।
बता दें कि इसी साल 20 अप्रैल को 68 वर्षीय पूर्व आईपीएस अधिकारी बेंगलूरु में एचएसआर लेआउट स्थित अपने आवास पर रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाए गए थे। इसके बाद उनके बेटे कार्तिकेश की शिकायत पर उनकी पत्नी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।


