प्रकृति, प्रगति और प्रतिभा
आज हमारा देश वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली है
‘प्रतिभा सेतु’ असल में उज्ज्वल भविष्य का सेतु साबित होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम की 125वीं कड़ी में जिन मुद्दों का जिक्र किया है, वे देशहित के साथ बहुत गहराई से जुड़े हुए हैं। देश में सद्भाव और एकता का माहौल हो, सबका जीवन सुरक्षित हो, किसी के जीवन में कोई अभाव न हो, इसके लिए जनता और सरकार को मिलकर काम करना होगा। हाल के वर्षों में मानसून में प्राकृतिक आपदाओं ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने और बाढ़ आने से न केवल कई बीघा खेती उजड़ी, बल्कि कई परिवार भी उजड़ गए। इस मौसम ने उन्हें ऐसी अप्रिय यादें दी हैं, जिन्हें भुलाना आसान नहीं होगा। आज हमारा देश वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत शक्तिशाली है। सरकार को चाहिए कि वह पहाड़ी इलाकों में उन जगहों का पता लगाए, जिन पर बाढ़ का खतरा मंडरा सकता है। एआई और उपग्रहों की मदद से पिछले सौ वर्षों के आंकड़े जुटाकर पानी के बहाव वाले इलाकों का अध्ययन किया जाए और लोगों को वहां से अन्य इलाकों में बसाया जाए। हाल में एक ऐसी 'बसावट' की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जो पहाड़ी इलाके में ढलान पर स्थित है। उसके आस-पास पहाड़ों की ऊंची चोटियां हैं। अगर वहां कभी तेज बारिश हुई तो पानी का शक्तिशाली बहाव उन मकानों को नुकसान पहुंचा सकता है। पहाड़ों में मकान बनाते समय इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए। पानी के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण बिल्कुल नहीं होना चाहिए। इसके नतीजे बहुत खतरनाक हो सकते हैं। पहाड़ों पर पर्यटन को सीमित रखना बेहतर होगा। खासकर बरसात के मौसम में उन इलाकों में जाने पर पाबंदी होनी चाहिए, जहां बाढ़ और भूस्खलन की आशंका हो।
प्रधानमंत्री ने 'प्रतिभा सेतु' डिजिटल प्लेटफॉर्म के बारे में जानकारी देकर देश के युवाओं को उम्मीद की नई किरण दिखाई है। हर साल सिविल सेवा परीक्षा में लाखों युवा भाग लेते हैं। चूंकि पद सीमित होते हैं, इसलिए ज्यादातर का चयन नहीं होता। वर्षों की मेहनत के बाद जब परीक्षा में सफलता नहीं मिलती तो युवा खुद को हताश और निराश महसूस करते हैं। ऐसे में उनके पास एक विकल्प होना जरूरी है, जो उनके भविष्य को आकार दे सके। प्रधानमंत्री के ये शब्द 'प्रतिभा सेतु' के महत्त्व को उजागर करते हैं, 'हजारों ऐसे उम्मीदवार भी होते हैं, जो बेहद काबिल होते हैं, उनकी मेहनत भी किसी से कम नहीं होती, पर मामूली अंतर से वो अंतिम सूची तक नहीं पहुंच पाते। इन उम्मीदवारों को दूसरी परीक्षाओं के लिए नए सिरे से तैयारी करनी पड़ती है। इसमें उनका समय और पैसा दोनों खर्च होता था ... ऐसे सभी उम्मीदवारों की जानकारी अब ‘प्रतिभा सेतु’ पोर्टल पर उपलब्ध कराई जा रही है। इस पोर्टल से प्राइवेट कंपनियां इन होनहार विद्यार्थियों की जानकारी लेकर उन्हें अपने यहां नियुक्ति दे सकती हैं। इस प्रयास के नतीजे भी आने लगे हैं। सैकड़ों उम्मीदवारों को इस पोर्टल की मदद से तुरंत नौकरी मिली है और वो युवा जो मामूली अंतर से रुक गए थे, अब नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं।' इससे देश के लाखों युवाओं को एक ऐसी राह मिलेगी, जिसके माध्यम से वे जीवन में प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते जाएंगे। उनकी प्रतिभा का सदुपयोग होगा। पहले, जब यह व्यवस्था नहीं थी तो ऐसे युवाओं के सामने अपने भविष्य को लेकर गंभीर चिंताएं होती थीं। कई तो अवसाद और तनाव के शिकार हो जाते थे। उनमें इतनी ऊर्जा नहीं होती थी कि नए सिरे से शुरुआत की जाए। उनके लिए ‘प्रतिभा सेतु’ असल में उज्ज्वल भविष्य का सेतु साबित होगा। इसका विस्तार अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं तक किया जाना चाहिए।

