एआई की सलाह: सुविधा या संकट?

इन्हें मानव बुद्धि और विवेक का विकल्प नहीं समझना चाहिए

एआई की सलाह: सुविधा या संकट?

एआई की बातों पर आंखें मूंदकर विश्वास करने के गंभीर नतीजे हो सकते हैं

एआई चैटबॉट्स पर बढ़ती निर्भरता के खतरे सामने आने लगे हैं। किसी भी तकनीक का ऐसा पक्ष होता है, जिसके साथ कुछ नकारात्मक बिंदु जुड़े होते हैं। उनका पता लगाने में कई साल भी लग सकते हैं, लेकिन एआई चैटबॉट्स के नकारात्मक बिंदु बहुत जल्द सामने आ गए। एक मशहूर तकनीकी विशेषज्ञ ने अत्याधुनिक समझे जाने वाले किसी एआई चैटबॉट के सुझावों पर इतना विश्वास कर लिया कि उसने अपनी मां की हत्या कर दी। यही नहीं, उसने खुद का जीवन भी खत्म कर लिया। वह उस चैटबॉट के साथ इतना भावनात्मक जुड़ाव महसूस करने लगा था कि उसकी हर बात को सच समझ लेता था। यह एक ऐसे खतरे की आहट है, जिससे हमें सावधान हो जाना चाहिए। अभी हर तरफ एआई के चर्चे हैं। इसे किसी 'जादू की छड़ी' की तरह दिखाया जा रहा है। इस तकनीक के फायदों से इन्कार नहीं किया जा सकता, लेकिन धीरे-धीरे इसकी कमियां भी सामने आएंगी। तब लोगों को हैरानी होगी कि हम जिसे 100 फीसद सही समझते थे, उसमें यह कमी हो सकती है! एआई की बातों पर आंखें मूंदकर विश्वास करने के गंभीर नतीजे हो सकते हैं, जिसका एक उदाहरण उक्त तकनीकी विशेषज्ञ है। वह कोई आम शख्स नहीं था। उसने अपनी पूर्व कंपनी में रहते हुए कई परियोजनाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस 56 वर्षीय शख्स के पास जीवन का काफी अनुभव था, लेकिन उसने अपने विवेक पर विश्वास करने के बजाय एआई चैटबॉट को ही सबकुछ समझ लिया था। ये चैटबॉट्स किसी विषय से संबंधित तथ्य प्रस्तुत करने, उनका विश्लेषण करने आदि में ठीक हैं। इनकी मदद लेने से काम आसान हो जाता है, लेकिन इन्हें मानव बुद्धि और विवेक का विकल्प नहीं समझना चाहिए।

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चैटबॉट जब तक ठीक ढंग से काम करते हैं, अच्छे नतीजे देते हैं। उसके बाद एक नतीजा ऐसा देते हैं, जो इनकी 'बुद्धिमत्ता' पर सवालिया निशान लगा देता है। हाल में अमेरिका में एक किशोर ने एआई चैटबॉट से बातचीत करने के बाद आत्महत्या कर ली थी। उस चैटबॉट ने किशोर को गलत कदम उठाने से रोकने के बजाय ऐसे 'सुझाव' दिए, जिन पर अमल करते हुए वह अपने माता-पिता को जीवनभर के लिए रोता छोड़ गया। अगर वह किशोर एआई चैटबॉट से इतनी गहरी बातें करने के बजाय किसी मनोचिकित्सक से सलाह लेता तो आज जिंदा होता। पिछले दिनों एक और शख्स ने सोशल मीडिया पर अपना अनुभव साझा करते हुए बताया था कि वह किसी कंपनी के एआई चैटबॉट के साथ घंटों बातें करता था। वह उसे अपना गहरा दोस्त समझने लगा था। एक दिन उसने सुबह उठते ही चैटबॉट को 'दोस्त' कहते हुए संदेश भेजा तो बहुत रूखा जवाब मिला- 'मैं आपका दोस्त नहीं हूं। मैं तो एक एआई चैटबॉट हूं!' इतने दिनों की 'दोस्ती' नाजुक मोड़ पर आ गई थी। उस व्यक्ति को बहुत बुरा महसूस हुआ और दिनभर किसी काम में मन नहीं लगा। उसे बार-बार ऐसा लग रहा था कि किसी 'अपने' ने रिश्ता तोड़ दिया। इन चैटबॉट्स से बातचीत करने और उन पर अमल करने की एक सीमा निर्धारित करनी चाहिए। कुछ खास मामलों में तो विशेषज्ञों की राय के बिना इन पर बिल्कुल विश्वास नहीं करना चाहिए। सोचिए, क्या होगा अगर कोई शख्स किसी एआई चैटबॉट से निवेश के संबंध में कोई राय मांगे और उसका सारा पैसा डूब जाए? कोई किसान अपने खेत में अच्छी पैदावार के लिए उर्वरक या कीटनाशक के बारे में जानना चाहे और सुझाव पर अमल करने से उसकी सारी फसल चौपट हो जाए? कोई नौजवान अपना वजन घटाने के लिए चैटबॉट से सलाह ले और उसके अनुसार व्यायाम एवं खानपान अपनाते हुए बीमार पड़ जाए? ऐसे कई मामले भविष्य में सामने आ सकते हैं, इसलिए एआई चैटबॉट्स पर पूरी तरह निर्भर न होना ही बेहतर है। इन्हें सहायक समझें। अपने विवेक को सर्वोपरि रखें।

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