ऊर्जा क्षेत्र के विकास में भारत के पास अद्वितीय अवसर: मोदी
बेंगलूरु: प्रधानमंत्री ने 'भारत ऊर्जा सप्ताह 2023' का उद्घाटन किया

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बेंगलूरु टेक्नोलॉजी, टैलेंट और इनोवेशन के एनर्जी से भरा शहर है
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कर्नाटक के बेंगलूरु में 'भारत ऊर्जा सप्ताह 2023' का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बेंगलूरु टेक्नोलॉजी, टैलेंट और इनोवेशन के एनर्जी से भरा शहर है। मेरी तरह आप भी यहां की युवा ऊर्जा को अनुभव कर रहे होंगे। यह भारत की जी-20 प्रेसिडेंसी कैलेंडर का पहला बड़ा एनर्जी इवेंट है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पीछे मल्टीपल फैक्टर्स ने काम किया। पहला- स्थिर सरकार, दूसरा- निरंतर सुधार, तीसरा- ग्रासरूट पर सामाजिक-आर्थिक सशक्तीकरण। महामारी और युद्ध के प्रभाव के बावजूद 2022 में भारत एक ग्लोबल ब्राइट स्पॉट रहा है। बाहरी परिस्थितियां जो भी रहें, भारत ने आंतरिक लचीलेपन की वजह से हर चुनौती को पार किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र के विकास में भारत के पास अद्वितीय अवसर हैं। भारत ऊर्जा संसाधनों और एनर्जी ट्रांजिशन के विकास की प्रक्रियाओं के संबंध में मजबूती से खड़ा है; यह वास्तव में 21वीं सदी में राष्ट्र के लिए एक महान भविष्य का निर्माण करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत में करोड़ों लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आया है। आज करोड़ों लोग गरीबी से निकलकर मध्यम वर्ग के स्तर तक पहुंच रहे हैं। आईएमएफ द्वारा हाल में किए गए ग्रोथ प्रोजेक्शन से पता चलता है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। न तो महामारी और न ही युद्ध भारत को 'ग्लोबल ब्राइट स्पॉट' बनने से रोक सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एनर्जी सेक्टर को लेकर भारत की रणनीति के 4 प्रमुख कार्यक्षेत्र हैं। पहला- घरेलू अन्वेषण और उत्पादन को बढ़ाना। दूसरा - आपूर्ति का विविधीकरण। तीसरा - जैव ईंधन, इथेनॉल, संपीड़ित जैव गैस और सोलर जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का विस्तार। चौथा - इलेक्ट्रिक वाहन और हाइड्रोजन के जरिए डीकार्बोनाइजेशन।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम वर्ष 2030 तक अपने ऊर्जा मिश्रण प्राकृतिक गैस की खपत को बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त एक और सेक्टर, जिसमें भारत, विश्व में लीड ले रहा है, वो है ग्रीन हाइड्रोजन का। राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन 21वीं सदी के भारत को नई दिशा देगा।
गांवों में इंटरनेट की सुविधा देने के लिए 6 लाख किलोमीटर से ज्यादा का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया गया है। भारत में ब्रॉडबैंड उपयोगकर्ताओं की संख्या 9 साल पहले की तुलना में 9 गुना हो गई है, और इसी अवधि में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या तीन गुना हो गई है।
आज लोगों के जीवन में बदलाव आ रहा है। उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण से लेकर उनके डिजिटल उन्नयन और सशक्तीकरण की जरूरतें भी पूरी हुई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से, ग्रीन एनर्जी को लेकर भारत का कमिटमेंट और प्रयास पूरी दुनिया देख रही है। बीते नौ वर्षों में भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता करीब 70 गीगावॉट से बढ़कर करीब 170 गीगावॉट हो चुकी है। इसमें भी सोलर पावर कैपेसिटी 20 गुना से ज्यादा बढ़ी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत विंड पावर कैपेसिटी के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है। हम इस दशक के अंत तक 50 प्रतिशत नॉन फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। आज भारत निवेशकों और ऊर्जा क्षेत्र के अन्य हितधारकों के लिए बेहतरीन अवसर लेकर आया है।
भारत आने वाले समय में नए शहरों की बढ़ती संख्या देखेगा; अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा संघ के निष्कर्षों में कहा गया है कि आने वाले दशक में भारत में ऊर्जा की अधिकतम मांग होगी। वर्ष 2014 में, भारत में गैस पाइपलाइन की लंबाई लगभग 14,000 किमी थी। अब यह 22,000 किमी से अधिक है। यह नेटवर्क अगले चार-पांच वर्षों में 35,000 किमी की लंबाई को पार कर जाएगा।
'रिड्यूस, री-यूज और रिसाइकिल' का मंत्र हमारी परंपराओं में रहा है। वर्दी के कपड़े में प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल करने का हालिया उदाहरण शानदार है। यदि हम एक वर्ष में ऐसी 10 करोड़ बोतलों के पुनर्चक्रण का लक्ष्य रखते हैं, तो यह वास्तव में पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे 'मिशन लाइफ' को भी मजबूती मिलेगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में तुर्की में भूकंप का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के 140 करोड़ लोगों की संवेदनाएं पीड़ितों के साथ हैं। हम भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं।
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