हिंसा और नफरत की जननी है कट्टरता: राष्ट्रसंतश्री कमलमुनि

कट्टरता और धार्मिकता एक साथ नहीं रह सकतीं

हिंसा और नफरत की जननी है कट्टरता: राष्ट्रसंतश्री कमलमुनि

कट्टरता के बीज बोने वाले धर्म के दुश्मन हैं

सेरकाडू/दक्षिण भारत। चेन्नई की ओर विहार करते हुए यहां के गंगैयमन मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रसंतश्री कमलमुनिजी कमलेश ने कहा कि जिनके दिलों में किसी भी निमित्त से किसी भी प्रकार की कट्टरता की भावना पनपती है तो उससे अगले का नुकसान हो या न हो, लेकिन उससे स्वयं के सद्भाव, करुणा, प्रेम के गुण समाप्त हो जाते हैं।कट्टरता अपने आप में हिंसा और नफरत की जननी है। 

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उन्होंने कहा कि कट्टरता और धार्मिकता एक साथ नहीं रह सकतीं। मुनिश्री कमलेश ने कहा कि विश्व का कोई भी धर्म कट्टरता की इजाजत नहीं देता है। सद्भाव और प्रेम ही धर्म की जननी है। कट्टरता के बीज बोने वाले धर्म के दुश्मन हैं। धर्म सबसे महान है, जो राष्ट्ररक्षा की प्रेरणा देता है। 

संतों ने शहर में आयोजित तमिल धार्मिक समारोह में शिरकत की। मुनि कमलेशजी ने पर्यावरण, नशामुक्ति, देशभक्ति, अहिंसा और शाकाहार का संकल्प दिलवाया। घनश्याम मुनिजी, अक्षतमुनिजी, कौशलमुनिजी और सक्षममुनिजी ने आशीर्वाद प्रदान किया।

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