इस राज्य में बाल विवाह के खिलाफ शुरू हुई बड़ी मुहिम, हजारों मामले दर्ज

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह जानकारी दी

इस राज्य में बाल विवाह के खिलाफ शुरू हुई बड़ी मुहिम, हजारों मामले दर्ज

ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा

गुवाहाटी/भाषा। असम सरकार शुक्रवार से बाल विवाह के खिलाफ व्यापक मुहिम शुरू करेगी। इस दौरान दोषियों की गिरफ्तारी होगी और व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने एक पखवाड़े से भी कम समय में बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए हैं। 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और 14-18 साल की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा। अगर लड़के की उम्र भी 14 साल से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा, क्योंकि नाबालिगों को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता।

मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘असम सरकार राज्य में बाल विवाह को खत्म करने के अपने संकल्प के लिए दृढ़ है। असम पुलिस ने राज्य भर में अब तक 4,004 मामले (बाल विवाह के) दर्ज किए हैं और आगामी दिनों में पुलिस की और कार्रवाई होने की उम्मीद है। इन मामलों पर तीन फरवरी से कार्रवाई शुरू होगी। मैं सभी से सहयोग का अनुरोध करता हूं।’

शर्मा ने राज्यव्यापी पुलिस कार्रवाई पर पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह की मौजूदगी में सभी पुलिस अधीक्षकों (एसपी) के साथ डिजिटल बैठक की अध्यक्षता की।

उन्होंने लोगों से ‘इस कुरीति से मुक्ति’ के लिए सहयोग एवं समर्थन की अपील की। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, असम में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर सर्वाधिक है और बाल विवाह इसका प्रमुख कारण रहा है। राज्य में दर्ज विवाह में से 31 प्रतिशत मामले निषिद्ध आयुवर्ग के हैं।

हाल में दर्ज बाल विवाह के 4,004 मामलों में सबसे अधिक धुबरी (370) में दर्ज किए गए हैं। इसके बाद ऐसे मामले होजई (255) में और उदलगुरी (235) में दर्ज किए गए हैं। बराक घाटी के हैलाकांडी जिले में बाल विवाह का सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया।

Google News

About The Author

Post Comment

Comment List