पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के बीच केंद्र ने सेना प्रमुख को दिया यह अधिकार
भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के खिलाफ शानदार कार्रवाई की है

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्र सरकार ने सेना प्रमुख को प्रादेशिक सेना (टीए) के 'प्रत्येक अधिकारी और प्रत्येक भर्ती व्यक्ति' को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने या नियमित सेना का सहयोग या पूरक करने के लिए नियुक्त करने का अधिकार दिया है। यह कदम भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष के मद्देनजर उठाया गया है।
रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग ने 6 मई को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया है, 'यह आदेश 10 फरवरी, 2025 से 09 फरवरी, 2028 तक तीन वर्षों के लिए लागू रहेगा।'9 अक्टूबर, 1949 को स्थापित टीए ने पिछले वर्ष 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं और इसने दशकों की अपनी घटनापूर्ण यात्रा के दौरान युद्ध के समय तथा मानवीय और पर्यावरण संरक्षण कार्यों में राष्ट्र की सेवा की है।
यह पूरी तरह से नियमित सेना के साथ एकीकृत है। राष्ट्र निर्माण के प्रयासों और युद्ध या संघर्ष के दौरान किए गए योगदान के सम्मान में टीए में कई व्यक्तियों को वीरता के साथ-साथ विशिष्ट सेवा पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
अधिसूचना में कहा गया है, 'प्रादेशिक सेना नियम 1948 के नियम 33 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार सेना प्रमुख को उस नियम के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रादेशिक सेना के प्रत्येक अधिकारी और प्रत्येक भर्ती व्यक्ति को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने या नियमित सेना को सहायता या पूरक प्रदान करने के उद्देश्य से तैनात करने के लिए बुलाने का अधिकार देती है।'
सरकारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि 'मौजूदा 32 इन्फैंट्री बटालियनों (प्रादेशिक सेना) में से 14 इन्फैंट्री बटालियनों (प्रादेशिक सेना) को दक्षिणी कमान, पूर्वी कमान, पश्चिमी कमान, मध्य कमान, उत्तरी कमान, दक्षिण पश्चिमी कमान, अंडमान और निकोबार कमान तथा सेना प्रशिक्षण कमान (एआरटीआरएसी) के क्षेत्रों में तैनाती के लिए शामिल किया गया है।'
इसमें कहा गया है कि इस कार्यान्वयन का आदेश तभी दिया जाएगा, जब बजट में धनराशि उपलब्ध हो या बजट में आंतरिक बचत के पुनर्विनियोजन द्वारा उपलब्ध कराई गई हो।