नई दिल्ली/वार्ताकेंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि गंगा को स्वच्छ करने पर किए जाने वाले सरकार के खर्च में इस साल ८,००० करो़ड रूपये से १०,००० करो़ड रूपये तक की भारी वृद्धि होगी। दरअसल, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कई परियोजनाओं को पूरा किया जाना है। नमामि गंगे कार्यक्रम पर कुछ नहीं होने की धारणा को बदलने के लिए जल संसाधन मंत्री ने यह भी दोहराया कि केंद्र मार्च २०१९ में नदी की जल गुणवत्ता में ७० से ८० फीसदी बेहतरी सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा।गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष की समाप्ति तक राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने सिर्फ ४,२५४ करो़ड रूपया खर्च किया, जबकि २०१५ से इसे करीब २०,००० करो़ड रूपया मंजूर किया गया था। गडकरी ने मिशन के क्रियान्वयन की स्थिति पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली, कानपुर, वाराणसी और पटना में संवाददाताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अगले साल दिसंबर तक नदी को पूरी तरह से स्वच्छ करने की कोशिश की जाएगी। ब्रीफिंग के दौरान केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती भी मौजूद थी। गौरतलब है कि गंगा को साफ करना सत्तारू़ढ भाजपा का एक प्रमुख चुनावी वादा था, जो उसने २०१४ में आमचुनाव के प्रचार के दौरान किया था।मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों ने केंद्र को उन नालों की सूची नहीं दी है जिनका गंदा पानी गंगा में गिरता है। हालांकि, उन्होंने किसी राज्य का नाम नहीं लिया। वहीं, उमा भारत ने कहा कि गंगा बेसिन में प़डने वाले राज्यों के खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) गांवों को पॉलीथीन मुक्त बनाने की कोशिश की जाएगी।