'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत ऐसे लिया गया पहलगाम का बदला

हमलों के वीडियो भी सामने आए

'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत ऐसे लिया गया पहलगाम का बदला

Photo: Indianarmy.adgpi FB Page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बुधवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' के संबंध में मीडिया को संबोधित किया।

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विक्रम मिस्री ने कहा कि 22 अप्रैल को लश्कर और पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया और 25 भारतीय नागरिकों और 1 नेपाली नागरिक की हत्या कर दी थी। उन्होंने पर्यटकों को उनके परिवार के सदस्यों के सामने सिर में गोलियां मारी थीं।

विक्रम मिस्री ने कहा कि पहलगाम में परिवारों को धमकाया गया और बर्बरता का संदेश देने को कहा गया। चूंकि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन फिर से फल-फूल रहा था, इसलिए हमले का मुख्य उद्देश्य उसे नुकसान पहुंचाना था।

विक्रम मिस्री ने कहा कि रेजिस्टेंस फ्रंट नामक एक समूह ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। यह समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है। इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात सामने आई  थी।

विक्रम मिस्री ने कहा कि 25 अप्रैल को यूएनएससी की मीडिया विज्ञप्ति से टीआरएफ का संदर्भ हटाने के लिए पाकिस्तान के दबाव को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकवादी हमले ने आतंकवादियों के साथ पाकिस्तान के संबंधों को उजागर कर दिया।

विक्रम मिस्री ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखने वाली हमारी खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिया कि भारत पर और हमले हो सकते हैं और उन्हें रोकना तथा उनसे निपटना आवश्यक समझा गया।

विक्रम मिस्री ने कहा कि यह आवश्यक समझा गया कि पहलगाम हमले के अपराधियों और योजनाकारों को न्याय के कठघरे में लाया जाए। एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद, पाकिस्तान की ओर से अपने क्षेत्र में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया गया।

कर्नल सोफिया कुरैशी ने मीडिया को संबोधित करते हुए पाकिस्तान तथा पाक अधिकृत कश्मीर (पीओजेके) में स्थित अन्य आतंकवादी शिविरों पर किए गए कई हमलों के वीडियो प्रस्तुत किए।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा कि नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और उन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। स्थानों का चयन नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने और किसी भी नागरिक की जान को नुकसान से बचाने के लिए किया गया था।

कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया और अब तक पाकिस्तान में किसी नागरिक के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।

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