'दुर्जनों की सक्रियता से ज्यादा खतरनाक है सज्जनों की निष्क्रियता'

सत्ता का सुखभाेग और समाज की सेवा, दाेनाें सर्वथा भिन्न तथ्य हैं

'दुर्जनों की सक्रियता से ज्यादा खतरनाक है सज्जनों की निष्क्रियता'

विमलसागरसूरीश्वरजी ने कहा ...

कडूर/दक्षिण भारत। स्थानीय नमिनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ भवन में श्रद्धालुओं काे मार्गदर्शन देते हुए जैनाचार्य विमलसागरसूरीश्वरजी ने कहा कि कतार में खड़े आखरी व्यक्ति के साथ भी न्याय हाे, तभी लाेकतंत्र की सफलता मानी जा सकती है। संख्या के खेल और पक्ष-प्रतिपक्ष के द्वंद्व के बीच अक्सर अच्छे विचार और अच्छे लाेग हाशिए पर धकेल दिए जाते हैं।

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उन्होंने कहा कि सत्ता का सुखभाेग और समाज की सेवा, दाेनाें सर्वथा भिन्न तथ्य हैं। जहां सत्ता के सुखभाेग की लालसा हाेती है, वहां समाज और मानवता की सेवा निरर्थक सिद्ध हाे जाती है। काेई भी मिशन तभी धारदार बनता है, जब उसे चलाने वाले दागदार न हाें।

उन्होंने कहा कि सामान्य ताैर पर लाेगाें की सेवा के लिये सत्ता और पद की दाैड़ शुरू हाेती है, लेकिन सत्ता और पद प्राप्ति के बाद सेवा-भावना अमून समाप्त हाे जाती है। भ्रष्टाचारियाें काे बचाने अथवा सदाचारियाें काे सताने के लिये जब सत्ता या सामर्थ्य का उपयाेग किया जाता है, तब जाने-अनजाने दुःख और दुर्भाग्य चला आता है।

आचार्य विमलसागरसूरीश्वरजी ने कहा कि जब अच्छे और बुद्धिमान लाेग संगठित हाेकर राष्ट्र, धर्म और समाज की सेवा के लिए आगे नहीं आते हैं, तब धूर्त, मूर्ख और गलत लाेग सभी पर हावी हाे जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इसकी सजा कमाेबेश समाज के हर वर्ग काे भुगतनी पड़ती है। इस अर्थ में दुर्जनाें की सक्रियता से भी ज्यादा सज्जनाें की निष्क्रियता खतरनाक है। दुर्जन संगठित हाेकर अपनी स्वार्थसिद्धि करते हैं, जबकि सज्जन विघटित और निष्क्रिय रहते हैं। वे सिर्फ चर्चाएं कर अफसाेस व्यक्त करते हैं, लेकिन दुर्जनाें के मंसूबाें काे असफल करने के ठाेस प्रयत्न नहीं करते। समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार, अनैतिकता, हिंसा, अन्याय, सभी में यही सिद्धांत काम करता है। लाेकतंत्र का सबसे कमजाेर और खतरनाक पक्ष यह है कि यहां नैतिकता से भी ज्यादा संख्याबल का महत्व का है। इसीलिए सज्जनाें की पर्याप्त संख्या और उनकी संगठनिक एकता, दाेनाें अत्यंत आवश्यक है। 

धर्मसभा में आचार्य विमलसागरसूरीश्वरजी व गणि पद्मविमलसागरजी के दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण करने हेतु उडुपी-चिक्कमगलूर के सांसद काेटा श्रीनिवास पुजारी और अनेक अन्य पदाधिकारी उपस्थित हुए।

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