समलैंगिक विवाह फैसले संबंधी पुनरीक्षण याचिका का उच्चतम न्यायालय में उल्लेख किया गया

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अभ्यावेदनों का संज्ञान लिया

समलैंगिक विवाह फैसले संबंधी पुनरीक्षण याचिका का उच्चतम न्यायालय में उल्लेख किया गया

Photo: PixaBay

नई दिल्ली/भाषा। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार करने वाले फैसले की समीक्षा का अनुरोध करने संबंधी याचिका का खुली अदालत में सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष उल्लेख किया गया।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के इन अभ्यावेदनों का संज्ञान लिया कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध कर रहे लोगों की समस्याओं के निपटारे के लिए खुली अदालत में सुनवाई की आवश्यकता है।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘मैंने (पुनरीक्षण) याचिका की अभी समीक्षा नहीं की है। मुझे इसे (उस संविधान पीठ के न्यायाधीशों में) वितरित करने दीजिए।’

रोहतगी ने कहा कि संविधान पीठ के सभी न्यायाधीशों का विचार है कि समलैंगिक व्यक्तियों के साथ भेदभाव होता है और इसलिए उन्हें भी राहत की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के पंजीयन के अनुसार, पुनरीक्षण याचिका 28 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

एक याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत के 17 अक्टूबर के फैसले की समीक्षा का अनुरोध करते हुए नवंबर के पहले सप्ताह में याचिका दायर की थी।

प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने का अनुरोध करने वाली 21 याचिकाओं पर चार अलग-अलग फैसले सुनाए थे।

सभी पांचों न्यायाधीशों ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से सर्वसम्मति से इनकार कर दिया था और कहा था कि इस बारे में कानून बनाने का काम संसद का है।

शीर्ष अदालत ने दो के मुकाबले तीन के बहुमत से यह फैसला दिया था कि समलैंगिक जोड़ों को बच्चे गोद लेने का अधिकार नहीं है।

Google News

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News

दपरे: कारगिल युद्ध के वीरों के सम्मान में सेंट्रल हॉस्पिटल ने रक्तदान शिविर लगाया दपरे: कारगिल युद्ध के वीरों के सम्मान में सेंट्रल हॉस्पिटल ने रक्तदान शिविर लगाया
अस्पताल दिवस समारोह भी मनाया
कर्नाटक सरकार ने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलूरु दक्षिण करने का फैसला किया
मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंटल सेंटर ने कारगिल युद्ध विजय की 25वीं वर्षगांठ मनाई
एमयूडीए मामला: प्रह्लाद जोशी ने सिद्दरामैया पर आरोप लगाया, सीबीआई जांच की मांग की
भोजनालयों पर नाम प्रदर्शित करने संबंधी निर्देश पर योगी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में क्या दलील दी?
'विपक्षी दल के रूप में काम नहीं कर रही भाजपा, कुछ भी गलत या घोटाला नहीं हुआ'
कांग्रेस ने कारगिल के शहीदों को दी श्रद्धांजलि- 'देश सदैव उनका ऋणी रहेगा'