खेलकूद को 'टाइम पास' का जरिया समझने की पुरानी सोच को पीछे छोड़कर बेहतर वातावरण बनाया: मोदी

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बस्ती में सांसद खेल महाकुंभ का उद्घाटन किया

खेलकूद को 'टाइम पास' का जरिया समझने की पुरानी सोच को पीछे छोड़कर बेहतर वातावरण बनाया: मोदी

खेल महाकुंभ सभी प्रतिबद्ध खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का शानदार अवसर देगा

बस्ती/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश के बस्ती में दूसरे सांसद खेल महाकुंभ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बस्ती, महर्षि वशिष्ठ की पावन धरती है। श्रम, साधना, तप और त्याग की धरती है। एक खिलाड़ी के लिए उसका खेल भी साधना और तपस्या है, जिसमें वह खुद को तपाता रहता है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसद खेल महाकुंभ' में अच्छा प्रदर्शन करने वाले युवा खिलाड़ियों को 'स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ ट्रेनिंग सेंटर' में आगे की ट्रेनिंग के लिए चुना जा रहा हैं। इससे युवा पीढ़ी को बहुत लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'सांसद खेल महाकुंभ' की एक और विशेष बात है। इसमें बड़ी संख्या में हमारी बेटियां हिस्सा ले रही हैं। मुझे विश्वास है कि बस्ती, पूर्वांचल, उप्र और देश की बेटियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगितायों में अपना दम-खम दिखाती रहेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह खेल महाकुंभ सभी प्रतिबद्ध खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का शानदार अवसर देगा। एक वक्त था जब स्पोर्ट्स की गिनती पाठ्येतर गतिविधि के तौर पर ही होती थी। यानी इसे पढ़ाई से अलग केवल टाइम पास का जरिया समझा जाता था। बीते आठ-नौ वर्षों में देश ने इस पुरानी सोच को पीछे छोड़कर स्पोर्ट्स के लिए एक बेहतर वातावरण बनाने का काम किया है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि फिटनेस से लेकर हेल्थ तक, टीम बांडिंग से लेकर तनाव मुक्ति के साधन तक, पेशेवर कामयाबी से लेकर व्यक्तिगत सुधार तक स्पोर्ट्स के अलग-अलग फायदे लोगों को नजर आने लगे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने ओलंपिक और पैरालंपिक में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। अलग-अलग खेलों के टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन चर्चा का विषय रहा है। लेकिन यह तो अभी शुरुआत है। हमें और लंबी यात्रा करनी है और रिकॉर्ड बनाना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों के पास पर्याप्त संसाधन हों, ट्रेनिंग हो, टेक्निकल नॉलेज हो, इंटरनेशनल एक्सपोजर हो और उनके चयन में पारदर्शिता हो। इन सभी पर जोर दिया जा रहा है।

आज बस्ती और दूसरे जिलों में खेलों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जा रहे हैं, स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। देशभर में एक हजार से अधिक 'खेलो इंडिया सेंटर' बनाए जा रहे हैं, जिसमें से 50 से अधिक सेंटर बनकर तैयार हो चुके हैं।

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