स्वाति नाहर: चेन्नई की संस्कृति और विरासत में कला के अनूठे रंग भरती एक कलाकार
स्वाति विभिन्न तकनीकों और शैलियों को आज़माकर चित्र बनाती हैं
प्रशंसक कहते हैं कि उनकी कला कैनवास पर जादू की तरह है
चेन्नई/दक्षिण भारत। चेन्नई की जानीमानी कलाकार स्वाति नाहर को 'नम्मा चेन्नई' के लिए अपनी कला के जरिए प्रेम दिखाने का अवसर मिला है। उन्हें पैसिफिक टेक पार्क और आईटी एमएनसी को संवारने के लिए दो प्रोजेक्ट मिले हैं, जिनकी इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा है।
स्वाति की पेंटिंग चेन्नई की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक विरासत को संजोने पर आधारित हैं, जिन्हें देखकर लोग मंत्रमुग्ध रह जाते हैं। उन्होंने हाल में ओएमआर चेन्नई में आईटी एमएनसी की कैनवास पेंटिंग समाप्त की है, जहां उन्होंने प्रकृति और पारंपरिक जड़ों दोनों को चित्रित किया है।
चेन्नई 'विविधता में एकता' को शामिल करने वाला शहर है और इसकी झलक स्वाति की पेंटिंग में झलकती है। इसके अलावा ललित कलाओं, संगीत और नृत्य के स्वरूपों, लोगों के पहनावे और व्यंजनों को आत्मसात करने वाली समृद्ध सांस्कृतिक विरासत उनकी कला का अहम हिस्सा है।
यही नहीं, कई स्मारक, जो शहर के गौरवशाली इतिहास को व्यक्त करते हैं, स्वाति ने उन्हें पारंपरिक कला के साथ चित्रित किया है। मंदिर, ताड़ के पेड़, मेट्रो रेल, हेरिटेज बिल्डिंग स्ट्रक्चर्स, लाइट हाउस, एग्मोर म्यूजियम, एलआईसी बिल्डिंग, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा समुद्र तट, कलात्मक रूप से नक्काशीदार पत्थर, कपालेश्वर मंदिर, मायलापुर, भरतनाट्यम, वर्टिका, ट्रायम्फ, लेबर स्टैच्यू, वल्लुवर कोट्टम, नेपियर ब्रिज, चेस ब्रिज, स्ट्रीट वेंडर डोसा स्टॉल आदि की खूबसूरती देखते ही बनती है।
वहीं, एक और पेंटिंग में करगट्टम, ओयिलट्टम, मयिलट्टम आदि जैसे विभिन्न पारंपरिक नृत्यों के साथ कर्नाटक संगीत और अन्य कलात्मक रूप से आकर्षक सामग्री प्रस्तुत की गई है। इसमें जलीकट्टू को भी शामिल किया गया है।
बता दें कि स्वाति नाहर स्व-प्रशिक्षित कलाकार हैं, जो विभिन्न तकनीकों और शैलियों को आज़माकर चित्र बनाती हैं। प्रशंसक कहते हैं कि स्वाति की कला का हर काम कैनवास पर जादू की तरह होता है।
स्वाति नाहर अपने पति और दो बच्चों के साथ चेन्नई में रहती हैं। उन्होंने कला को एक शौक के रूप में शुरू किया, लेकिन जल्द ही इसने उन्हें अपनी ओर खींच लिया और वे एक उत्कृष्ट कलाकार बन गईं। उन्होंने देश के लिए शहीद हुए सैनिकों को अपनी पेंटिंग के माध्यम से नमन किया है।
स्वाति नाहर द्वारा उकेरे गए कला के स्वरूपों को भारतीय कला महोत्सव, पांडिचेरी राष्ट्रीय कला महोत्सव में स्वीकार किया गया। स्वाति को आईआईडब्ल्यू में नामांकित किया गया था। वे ब्राइट आर्टिस्ट आईआईडब्ल्यू इंस्पायरिंग इंडियन वीमेन श्रेणी में उपविजेता रही हैं। यह कार्यक्रम ब्रिटेन के संसद भवन में आयोजित किया गया था।
About The Author
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List