रेलवे में सुधार जरूरी
रेलवे में सुधार जरूरी
एक के बाद एक रेल दुर्घटनाएं हो रहीं हैं और सम्भवत: दुर्घटनाओं की ऐसी श्रृंखला के लिए रेल मंत्रालय तैयार ही नहीं था। रेल मंत्रालय के साथ ही देश के नागरिक भी इन घटनाओं से स्तब्ध हैं। रेल का जाल बहुत विशाल है और इतने ब़डे तंत्र को सही ढंग से चलाना आसान नहीं है परंतु इसका यह मतलब यह नहीं है कि प्रशासन अपनी ि़जम्मेदारियों से मुँह फेर ले। भारतीय रेल को आधुनिक तकनीक को जल्द से जल्द अपनाने की आवश्यकता है साथ ही सुरक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार लाने की भी जरूरत है। आ़जादी के साथ दशकों के बाद भी देश में कई जगहों पर मानव रहित क्रॉसिंग खतरे को बरकार रखती हैं। अनेक जगहों पर संकेत और दूरसंचार प्रणाली के पुराने तरीकों को अपनाये हुए है। देश के सबसे ब़डे संस्थान में किसी भी तरह की बदहाली को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। पटरियों के रख रखाव में भी कई बार लापरवाही बरती जाती है और पिछले हफ्ते हुए हादसों में से एक इसी कारण हुआ कि पटरियों की मरम्मत समय रहते नहीं की गयी। रेल कर्मचारियों पर आरोप लगाने से पहले रेल विभाग में खाली प़डे स्थानों में शीघ्र भर्ती करने की जरूरत है। कर्मचारियों को आधुनिक औ़जार उपलब्ध करने की जरूरत है साथ ही यह भी सच है कि जब सातवें वेतन आयोग को लागू किए जाने के बाद सरकारी कर्मचारियों का मनोबल ब़ढना चाहिए और उनके काम पर भी उसका असर दिखना चाहिए। दुर्घटनाएं रेल तंत्र के लगातार विफल होने का संकेत देती हैं।अब अश्विनी लोहानी को रेलवे बोर्ड की ि़जम्मेदारी दी गयी है और बोर्ड के नया अध्यक्ष के रूप में उनको चुनौतियों के पहा़ड पर अपना परचम लहराना है। यह काम आसान नहीं है और निश्चित रूप से लोहानी जैसे सक्षम अधिकारी के लिए भी यह कोई ब़डी परीक्षा से कम नहीं होगा। लोहानी को रेलवे के सुधार के लिए दर्जनों रिपोटार्ेेंर्े का सहारा मिल सकेगा परंतु इसके लिए उन्हें एक साथ कई मोर्चो पर शुरुआत करनी होगी। कर्मचारियों की कार्य संस्कृति से लेकर बदहाल उपकरणों को आधुनिक प्रणालियों के दायरे में लाना होगा। विभाग के सभी स्तरों में कर्मचारियों की भर्ती के साथ ही प्रशिक्षण प्रक्रिया को भी मजबूत बनाना होगा। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को बिना किसी राजनीतिक, जातीय, क्षेत्रीय हस्तक्षेप के काम करने का मौका भी देना होगा। प्रशासनिक सुधार आयोग और वेतन आयोग ने भी अलग-अलग समय पर सिफारिशों में रेलवे में बाहर की प्रतिभाओं को मौका देने की बात कही है। भारतीय रेल की अनेक परियोजनाओं का काम चल रहा है और उन्हें समय पर पूरा कराने की जरूरत है। जल्द से जल्द इन सभी बिंदुओं पर ध्यान देते हुए भारतीय रेल को नई दिशा दिखने की जरूरत है।