कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने की अनुमति मिली

कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने की अनुमति मिली

चेन्नई। मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने की अनुमति दे दी थी। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा लुक आउट नोटिस जारी करने के बाद से ही कार्ति चिदंबरम के विदेश दौरों पर रोक लग गई थी और उन्होंने सीबीआई द्वारा जारी इस लुक आउट नोटिस के खिलाफ सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पिछले सप्ताह उनकी याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष भेज दिया था और एक सप्ताह के अंदर इस मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया था। मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उन्हें इस बात की राहत दे दी कि वह विदेश जा सकते हैं लेकिन इसके साथ ही उनके सामने कुछ शर्तें भी रख दी गई हैं। न्यायालय ने कार्ति को कहा कि वह विदेश दौरे पर जा सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अपने विदेश दौरे का सभी विवरण यानी कि वह कौन से देश जा रहे हैं और वह उस देश में किन-किन स्थानों पर ठहरेंगे और क्या क्या करेंगे इसकी सारी जानकारी उन्हें लिखित रुप से सीबीआई को देनी होगी। न्यायालय ने कार्ति से कहा है कि उन्हें अपने विदेश दौरे से २८ फरवरी तक वापस भारत लौट आना होगा। ज्ञातव्य है कि कार्ति के खिलाफ सीबीआई ने वर्ष २००७ में आईएनएक्स मीडिया में ३०५ करो़ड रुपए के विदेशी निवेशी को अपने पिता और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की शह पर अवैध ढंग से अनुमति दिलाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।सीबीआई द्वारा कार्ति के खिलाफ गत वर्ष १६ अगस्त और १८ अगस्त को लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। अदालत द्वारा कार्ति को विदेश जाने की अनुमति देने से पूर्व इस मामले की सुनवाई के दौरान कार्ति की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमणियम ने कहा कि कार्ति सीबीआई के समक्ष पेश हुए थे और उन्होंने एजेंसी को भविष्य में कभी भी आवश्यकता प़डने पर पूरा सहयोग देने का आश्वासन भी दिया था। इसके साथ ही उनके परिवार के सदस्य भी न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए थे। अधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि कार्ति कोई भगो़डा नहीं हैं जो उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। उनके अधिवक्ता द्वारा रखे गए पक्षों के बाद सॉलिसिटर जनरल जी राजगोपालन ने न्यायालय से कहा कि कार्ति ने बिजनेस ट्रिप के लिए अदालत से विदेश जाने की अनुमति मांगी है। यदि उन्होंने किसी आपातकालीन कार्य या चिकित्सकीय कारणों से यह अनुमति मांगी होती तो एजेंसी को किसी प्रकार की आपत्ति नहीं होती। यह उनके निजी हितों और व्यापार से जु़डा हुआ मामला है। इसके साथ ही उनके व्यापारिक मामले भी न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान एजेंसी को अमेरकिा और यूरोपियन देशों से उनके लेन-देन के बारे में सुराग मिले और ऐसे में वह यदि इन विदेशों का दौरा करते हैं तो वह साक्ष्यों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं। हालांकि न्यायालय ने कार्ति चिदंबरम के वकील द्वारा रखे गए पक्षों को स्वीकार करते हुए उन्हें निश्चित शर्तों के साथ विदेश जाने की अनुमति दे दी।

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