सामान्य लोगों के फायदे पर ध्यान देना जरूरी: गडकरी
सामान्य लोगों के फायदे पर ध्यान देना जरूरी: गडकरी
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि केवल पुस्तकें या शोधपत्र प्रकाशित करना पर्याप्त नहीं है बल्कि सरकारी अनुसंधान संस्थानों को ऐसे कार्यो को आगे ब़ढाना चाहिए जिससे सामान्य लोगों को फायदा पहुंचे अन्यथा ऐसे संस्थाओं के बने रहने का कोई मतलब नहीं रहेगा। सातवें अंतरराष्ट्रीय भूजल सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया कि काम करने और प्रदर्शन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्री के रूप में वे अपने मंत्रालय से जु़डे ऐसे संस्थानों (शोध) के वास्तविक काम को देखेंगे और इस संदर्भ में केवल पुस्तकें या शोधपत्र प्रकाशित करना पर्याप्त नहीं होगा। गडकरी ने नवोन्मेष के माध्यम से जल संरक्षण के सस्ते रास्ते निकालने पर जोर दिया और कहा कि ऐसा अर्थव्यवस्था के लिये महत्वपूर्ण है। हमें ऐसी सोच से उपर उठना होगा जो मतभेद, बहस और केवल चर्चा तक ही सीमित रह जाती हो । उन्होंने कहा कि आजकल हमारे देश में जल एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। ठीक ढंग से जल के संरक्षण और भंडारण से किसानों की कृषि आय में वृद्धि होने के साथ साथ औद्योगिक उत्पादन ब़ढेगा तथा रोजगार सृजन में मदद मिलेगी। जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं को जल के पुनर्चक्रण के लिए नवोन्मेषी उपाए करना चाहिए ताकि सिंचाई और उद्योग में इनका उपयोग किया जा सके।उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले और क्षेत्र की भूगर्भीय स्थिति अलग अलग होती है, ऐसे में क्षेत्रवार ढंग से सूक्ष्म योजना तैयार करने की जरूरत है। वैज्ञानिकों को जल संरक्षण के उपाए तलाशने पर जोर देना चाहिए। स्वच्छता एवं पेयजल मंत्री उमा भारती ने कहा कि नदियां सैक़डों वर्षो से बह रही हैं लेकिन पिछले कुछ दशकों में प्रदूषण एवं जल की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो गई । ऐसे में जिम्मेदारी एवं जागरूकता महत्वपूर्ण हैं । स्कूलों एवं कालेजों में जल प्रबंधन के विषय को प़ढाया जाना चाहिए ।