सख्त कार्रवाई के संकेत
भारत सरकार को अपने फैसले पर दृढ़ रहना होगा

पाकिस्तान इसके खिलाफ बहुत शोर मचाएगा
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने राजनयिक रिश्तों में कटौती करने के साथ ही सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। देशवासी सिर्फ इसी से संतुष्ट नहीं हैं और पड़ोसी देश के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट संकेत दे दिए कि उचित समय पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कुछ पंक्तियां अंग्रेजी में भी बोलीं। उन शब्दों में दुनिया के लिए संदेश था कि अब भारत अपने दुश्मनों को मिट्टी में मिलाने का संकल्प ले चुका है। भारत सरकार ने अब तक जो कदम उठाए हैं, उनसे पाकिस्तान में खलबली मची हुई है। उसके प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद जो घोषणा की, वह दुर्योधन के बड़बोलेपन जैसी लगती है, जिसने खुद कभी मर्यादा का पालन नहीं किया, लेकिन दूसरों से इसकी उम्मीद रखता था। भारत ने अभी सिंधु जल संधि स्थगित की है। आने वाले दिनों में इसका असर दिखना शुरू हो जाएगा। यह कई जगह तो दिखना शुरू हो गया है। पाकिस्तान का शेयर बाजार थरथराने लगा है। वहां लोग जरूरत की चीजों का भंडारण करने लगे हैं। उन्हें अपनी सरकार और फौज पर भरोसा हो या न हो, लेकिन इस बात का पूरा भरोसा है कि भारत की ओर से तगड़ा वार होगा। उसका तरीका कोई भी हो सकता है। दिल्ली ने इस्लामाबाद को बता दिया है कि खून और पानी एकसाथ नहीं बह सकते। भारत ने सिंधु जल संधि का पूरा सम्मान किया, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार पीठ में खंजर ही घोंपा। अब यह नहीं चलेगा।
भारत सरकार को अपने फैसले पर दृढ़ रहना होगा। पाकिस्तान इसके खिलाफ बहुत शोर मचाएगा। वह विश्व बैंक और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शिकायत कर सकता है। इसके अलावा चीन की ओर से दबाव बनाने की कोशिश कर सकता है। अगर भारत सरकार सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी का आधा या एक चौथाई हिस्सा भी रोक लेती है तो इस पड़ोसी देश में त्राहि-त्राहि मच जाएगी। पाकिस्तान में करोड़ों लोग सिंधु नदी के पानी पर निर्भर हैं। जब भारत की ओर से पर्याप्त आपूर्ति नहीं होगी तो पाकिस्तान के खेत सूखने लगेंगे। इससे वहां खाद्यान्न और सब्जियों की कीमतें बढ़ेंगी। फसल नहीं होगी तो चारे की कमी होगी और दूध, दही, घी आदि महंगे हो जाएंगे। पाकिस्तान में हाल के वर्षों में आटे की भारी कमी होने से कई जगह लंबी-लंबी कतारें देखी गई थीं। इस बार ये कतारें और ज्यादा लंबी हो सकती हैं। वहां पेयजल का संकट बना रहता है। भविष्य में यह समस्या विकराल हो सकती है। अब भारत को जलसंग्रहण और वितरण के लिए ऐसी प्रणाली विकसित करनी होगी, जिससे सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी हमारे किसानों के काम आए। भारत सरकार ने तो पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाने शुरू कर दिए। अब नागरिकों को भी अपना योगदान देना होगा। सबसे पहले, सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सेलिब्रिटी को फॉलो करना बंद करें। पाकिस्तान के कितने ही ड्रामे यूट्यूब के जरिए भारत में देखे जाते हैं। इससे उसे करोड़ों रुपए की कमाई होती है। हम अपने दुश्मन को मजबूत क्यों बना रहे हैं? इस समय पाकिस्तान के कई अभिनेता, अभिनेत्री और गायक इसलिए फिक्रमंद हैं, क्योंकि उनके लिए भारत में कमाई करने की उम्मीदों पर पानी फिरता नज़र आ रहा है। वे पहलगाम हमले के गुनहगारों के खिलाफ खुलकर लिखने-बोलने से बच रहे हैं। भारत में ऐसे कथित कलाकारों की भी कमी नहीं है, जो यह कहकर उनका पक्ष ले सकते हैं कि 'सिनेमा तो सरहदों से अलग होता है, लिहाज़ा यहां कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए।' ऐसे बयान पहले भी आते रहे हैं। हमारे लिए देशहित सर्वोच्च होना चाहिए। देश को सुरक्षित रखना और दुश्मन की साजिशों को नाकाम करना हम सबकी जिम्मेदारी है। सरकार का काम सरकार करेगी। जो काम हम अपने स्तर पर कर सकते हैं, वह जरूर करें।About The Author
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