मोदी को डराया, धमकाया या मजबूर नहीं किया जा सकता: व्लादिमीर पुतिन

पुतिन ने कहा, 'भारत के लोगों के राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा पर (मोदी के) सख्त रुख से आश्चर्यचकित भी होता हूं'

मोदी को डराया, धमकाया या मजबूर नहीं किया जा सकता: व्लादिमीर पुतिन

Photo: facebook.com/narendramodi

मास्को/दक्षिण भारत। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने वैश्विक महाशक्तियों के दबाव के बावजूद 'अपने लोगों के लिए खड़े होने' के लिए मोदी की तारीफ की।

पुतिन ने कहा, 'मैं कल्पना नहीं कर सकता कि मोदी को भारत के राष्ट्रीय हित, भारत के लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई या निर्णय लेने के लिए डराया, धमकाया या मजबूर किया जा सकता है। और ऐसा दबाव है, मैं जानता हूं।'

पुतिन ने कहा, 'कभी-कभी, ईमानदारी से कहूं तो मैं भारत के लोगों के राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा पर (मोदी के) सख्त रुख से आश्चर्यचकित भी होता हूं।'

यह पहली बार नहीं है, जब रूसी राष्ट्रपति ने मोदी की नीतियों की सराहना की है। इस साल की शुरुआत में, उन्होंने 'मेक इन इंडिया' पहल की सराहना की और इसे स्थानीय स्तर पर उत्पादों के विकास, निर्माण और संयोजन के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित करने वाले देश का उदाहरण बताया।

पुतिन ने जून में एक मंच पर कहा था, 'भारत में हमारे मित्र और हमारे बड़े मित्र, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई साल पहले 'मेक इन इंडिया' पहल शुरू की थी। इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर वास्तव में प्रभावशाली प्रभाव पड़ा है। जो अच्छा काम कर रहा है, उसका अनुकरण करने में कोई नुकसान नहीं होगा, भले ही इसे बनाने वाले हम नहीं, बल्कि हमारे दोस्त हों।'

दो महीने बाद व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में बोलते हुए उन्होंने रूसी नीति निर्माताओं से स्थानीय उत्पादों और क्षमताओं को विकसित करने के लिए समान दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया था। पुतिन ने कहा था, 'मोदी सही काम कर रहे हैं, लोगों को भारत में बने ब्रांडों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।'

अब पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के संबंध 'सभी दिशाओं में' बढ़ रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार की नीतियों का हवाला देते हुए गारंटी दी कि सकारात्मक प्रवृत्ति आगे भी जारी रहेगी।

नई दिल्ली के साथ मास्को का आर्थिक जुड़ाव सर्वकालिक उच्च स्तर पर रहा है। इस वर्ष द्विपक्षीय व्यापार कारोबार लगभग 50 बिलियन डॉलर तक बढ़ गया है।

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