नए जोश का संचार

यह हमारी वैज्ञानिक शक्ति की जीत भी है

नए जोश का संचार

आतंकवाद का 'संपूर्ण विनाश' हमारा राष्ट्रीय संकल्प है

'ऑपरेशन सिंदूर' की शानदार कामयाबी के चर्चे दुनियाभर में हो रहे हैं। हमारे सशस्त्र बलों के शौर्य, पराक्रम, शक्ति और सामर्थ्य ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डों तथा फौजी ठिकानों के परखच्चे उड़ा दिए। इस ऑपरेशन ने देशवासियों में नए जोश का संचार कर दिया। यह भारत के सशस्त्र बलों की जीत तो है ही, हमारी वैज्ञानिक शक्ति की जीत भी है। पहलगाम की घटना के बाद भारत सरकार ने जो फैसले लिए, उनके साथ कुछ ऐसे बिंदु जुड़े हुए हैं, जिससे देश की साख और धाक में बढ़ोतरी हुई है। जिस समय हमारी मिसाइलें पाकिस्तान और पीओके में आतंकी अड्डों पर कहर बनकर टूट रही थीं, आसमान से कुछ 'आंखें' हर घटना पर लगातार नजर रख रही थीं। 'ऑपरेशन सिंदूर' को इतना कामयाब बनाने में इसरो का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। जो लोग इसके विभिन्न अभियानों के बारे में यह कहते हुए सवाल उठाते थे कि 'इससे देशवासियों का कौनसा भला हो जाएगा', उन्हें पता होना चाहिए कि भारत के उपग्रह पल-पल की खबरें सशस्त्र बलों को भेज रहे थे। इससे आतंकी अड्डों को तबाह करने और दुश्मन के पलटवार को नाकाम करने में मदद मिली। डीआरडीओ समेत अन्य वैज्ञानिक एवं रक्षा शोध संस्थानों ने तिरंगे का मान बढ़ा दिया। 'ऑपरेशन सिंदूर' में हमारे हथियारों का 'सही जगह' परीक्षण हो गया है। हमारी वायु रक्षा प्रणालियों ने अद्भुत काम किया है। हमारे ड्रोन्स ने दुश्मन के घर में घुसकर एक तरह से लंकादहन कर दिया। हमें इन्हें अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में मित्र देशों के लिए पेश करना चाहिए। भारत को हथियारों और रक्षा प्रणालियों का प्रमुख निर्यातक देश बनने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।

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हमारी सैन्य शक्ति के प्रदर्शन से पहले जिस तरह पूरे देश में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की गई और उन्हें बाहर निकाला गया, उससे आश्चर्य भी हुआ। भारत में इतने पाकिस्तानी वर्षों से रह रहे थे! यह अभियान धीमा नहीं पड़ना चाहिए। अन्य देशों के जो भी लोग यहां अवैध तरीके से रह रहे हैं, अब उनकी पहचान कर उन्हें स्वदेश रवाना करें। 'ऑपरेशन सिंदूर' ने पाकिस्तान के परमाणु बम की धमकियों को ध्वस्त कर दिया। रावलपिंडी के जनरल बड़ी-बड़ी बातें करते रह गए और भारत ने कार्रवाई कर दी। पाकिस्तान के पास परमाणु बम होना किसी बंदर के हाथ में उस्तरा होने जैसा है। भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मुद्दा उठाना चाहिए कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों के मामले में जिम्मेदार देश नहीं है। इससे ये हथियार छीने जाने चाहिएं। उरी, पुलवामा और पहलगाम की घटनाओं के बाद दुनिया समझ चुकी है कि अब भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। वे दिन गए, जब पाकिस्तान के आतंकवादी हमारे देशवासियों का खून बहाकर सुकून की नींद सोते थे। अब ऐसी हिमाकत उनके आकाओं को बहुत महंगी पड़ेगी। कोई आतंकवादी यह सोचकर खुद को सुरक्षित न समझे कि उसने वर्षों पहले किसी घटना को अंजाम दिया था तो अब उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा। 'ऑपरेशन सिंदूर' ने आईसी 814 के गुनहगारों तक का हिसाब कर दिया। उन्होंने अपने ख्वाबों में नहीं सोचा होगा कि भारतीय मिसाइलें उन पर बिजली बनकर गिरेंगी। इस कार्रवाई के बाद हाफिज सईद, जकीउर्रहमान लखवी, मसूद अजहर जैसे आतंकवादी अपने अड्डे बदलेंगे। वे आराम करने की जगह को लेकर बहुत सावधानी बरतेंगे, क्योंकि उन्हें डर होगा कि भारत मिसाइल या ड्रोन से उनका खात्मा कर सकता है। ये आतंकवादी अब 'अधिक सुरक्षित' जगहों की ओर भागेंगे। इससे हमारी खुफिया एजेंसियों पर एक और जिम्मेदारी आ गई है। उन्हें इन आतंकवादियों की आवाजाही और नए अड्डों पर नजरें रखनी होंगी। भारत के ये दुश्मन भी उचित समय पर मारे जाएंगे। आतंकवाद का 'संपूर्ण विनाश' हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।

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