कावेरी मुद्दा: कर्नाटक बंद से बेंगलूरु और राज्य के दक्षिणी हिस्सों में जनजीवन प्रभावित
ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स यूनियन और ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन ने भी बंद को समर्थन दिया है
कन्नड़ फिल्म उद्योग ने बंद को समर्थन दिया है
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के विरोध में 'कन्नड़ ओक्कुटा' द्वारा बुलाए गए 'कर्नाटक बंद' को शुक्रवार को बेंगलूरु और राज्य के अन्य दक्षिणी हिस्सों में अच्छी प्रतिक्रिया मिली, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।
अधिकारियों ने बेंगलूरु शहरी, मंड्या, मैसूरु, चामराजनगर, रामनगर और हासन जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। वहां स्कूलों और कॉलेजों के लिए छुट्टी घोषित कर दी है।'कन्नड़ ओक्कुटा' कन्नड़ और किसान संगठनों का एक प्रमुख संगठन है। मंगलवार को बेंगलूरु बंद रखा गया था। राज्य के दक्षिणी हिस्से में मंड्या जैसे कावेरी बेसिन जिलों में अधिकांश दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और भोजनालयों ने अपने शटर गिरा दिए। उन इलाकों में निजी वाहन सड़कों से नदारद रहे।
राज्य के स्वामित्व वाले परिवहन निगमों ने दक्षिणी जिलों में बहुत कम बसें संचालित कीं। राज्य के अन्य क्षेत्रों में बंद का मिलाजुला असर रहा। प्रदर्शनकारियों ने चित्रदुर्ग जिला मुख्यालय शहर में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की तस्वीर को आग लगा दी।
कन्नड़ फिल्म उद्योग ने बंद को समर्थन दिया है। राज्यभर के सिनेमाघरों ने शाम तक के शो रद्द कर दिए हैं। कर्नाटक फिल्म प्रदर्शक संघ ने बंद का समर्थन किया है।
बेंगलूरु की अधिकांश सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों और अन्य फर्मों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा है। बेंगलूरु के प्रमुख बाजार क्षेत्र, जैसे चिकपेट, बालेपेट और आसपास के व्यापारिक क्षेत्र सुनसान दिखे।
ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स यूनियन और ओला उबर ड्राइवर्स एंड ओनर्स एसोसिएशन ने भी बंद को समर्थन दिया है।