पाक में कार्यवाहक प्रधानमंत्री के आते ही आ गई यह मुसीबत!

आईएमएफ चालू वित्त वर्ष में पाक रुपए का 20 प्रतिशत अवमूल्यन चाहता है!

पाक में कार्यवाहक प्रधानमंत्री के आते ही आ गई यह मुसीबत!

अगले साल जून के अंत तक डॉलर 330-340 पाकिस्तानी रुपए के बीच जा सकता है

कराची/दक्षिण भारत। पाकिस्तान में अनवार-उल-हक काकड़ की कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्ति के साथ ही एक और मुसीबत आ गई है। पाकिस्तानी रुपया खुले बाजार में 300 के पार चला गया है। उसने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 302 का आंकड़ा छू लिया। 

एक्सचेंज कंपनीज एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के महासचिव जफर पराचा ने कहा, अमेरिकी डॉलर की दरों में दिन में उतार-चढ़ाव होता रहा और ये 302 रुपये तक पहुंच गईं। रुपया शुक्रवार को खुले बाजार में डॉलर 296 रुपए पर था।

पराचा ने कहा कि डॉलर की दर मीडिया में बताई जा रहीं कीमतों से अधिक है। कुछ मुद्रा डीलरों ने कहा कि डॉलर की स्थिति मुख्य रूप से मुद्रा की कमी के कारण नहीं, बल्कि कार्यवाहक सरकार को लेकर अनिश्चितता के कारण हुई।

पराचा ने कहा कि मुद्रा बाजार में अंतरिम सरकार के बारे में धारणा यह है कि यह किसी भी राजनीतिक दबाव से स्वतंत्र होगी, जिसका अर्थ है कि यह विनिमय दर को लागू करने के लिए आईएमएफ के निर्देशों का सख्ती से पालन करेगी।

जून के अंत में आईएमएफ के साथ हस्ताक्षरित 3 बिलियन डॉलर स्टैंडबाय व्यवस्था के तहत, पिछली गठबंधन सरकार ने खुले बाजार के मूल्य में 1.5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के अंतर के साथ, इंटरबैंक और खुले बाजारों दोनों में एक ही मुद्रा दर बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की थी।

मीडिया में यह भी कहा गया कि आईएमएफ चालू वित्त वर्ष में रुपए का 20 प्रतिशत अवमूल्यन चाहता है, जिसका मतलब है कि अगले साल जून के अंत तक डॉलर 330-340 रुपए के बीच होना चाहिए।

मुद्रा डीलरों का मानना है कि स्टेट बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार के बावजूद आईएमएफ के साथ इस व्यवस्था के कारण डॉलर में तेजी आ रही है। बैंकिंग बाजार के लिए आखिरी कार्य दिवस शुक्रवार को इंटरबैंक में डॉलर का कारोबार 288.40 रुपए पर हुआ।

About The Author

Related Posts

Post Comment

Comment List