
बोर्ड परीक्षाएं: न्यायालय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार किया
पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए इस मामले का जिक्र किया गया था
पीठ ने कहा, ‘उच्च न्यायालयों को पता होता है कि राज्य के लिए क्या सर्वश्रेष्ठ है।’
नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से सोमवार को इन्कार कर दिया, जिसमें सरकार को राज्य बोर्ड के पाठ्यक्रम के तहत पढ़ाई कर रहे पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी गई थी।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ गैर-सहायता प्राप्त निजी विद्यालयों के संघ की याचिका पर 27 मार्च को सुनवाई करने पर सहमत हो गई।
पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए इस मामले का जिक्र किया गया था। पीठ ने कहा, ‘उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उच्च न्यायालयों को पता होता है कि राज्य के लिए क्या सर्वश्रेष्ठ है।’
उसने कहा कि वह नहीं चाहती कि किसी प्रकार की अनिश्चितता बनी रहे।
उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 15 मार्च को एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत लोक निर्देश आयुक्त और राज्य शिक्षा विभाग द्वारा 12 एवं 13 दिसंबर, 2022 और चार जनवरी, 2023 को जारी परिपत्रों को रद्द कर दिया था।
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