इंडिगो मामला: उच्चतम न्यायालय ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इन्कार किया
कहा- सरकार ने कदम उठाए हैं
Photo: PixaBay
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को इंडिगो द्वारा सैकड़ों फ्लाइट रद्द किए जाने के मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की मांग करने वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई देने से इन्कार कर दिया। उसने कहा कि केंद्र ने स्थिति का संज्ञान लिया है और इसे सुधारने के लिए कदम उठाए हैं।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इस तथ्य से अवगत है कि लाखों लोग विभिन्न हवाईअड्डों पर फंसे हुए हैं।मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत, जो न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची सहित एक पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे, ने कहा, 'यह एक गंभीर मामला है। लाखों लोग हवाईअड्डों पर फंसे हुए हैं। हमें पता है कि भारत सरकार ने समय पर कार्रवाई की है और इस मुद्दे को ध्यान में रखा है। हमें यह भी पता है कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी और अन्य महत्त्वपूर्ण समस्याएं हो सकती हैं।'
एक वकील ने इस मुद्दे का उल्लेख किया और कहा कि पिछले कुछ दिनों में इंडिगो की कई उड़ानें रद्द हुई हैं और यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, 'उड़ानों के रद्द होने की जानकारी यात्रियों को नहीं दी जाती।'
उन्होंने कहा कि देशभर के 95 हवाईअड्डों पर लगभग 2,500 उड़ानें देरी की शिकार हैं और यात्री परेशान हैं। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को दिल्ली और बेंगलूरु हवाईअड्डों से इंडिगो की 250 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं, क्योंकि एयरलाइन के उड़ान संचालन में व्यवधान सातवें दिन में प्रवेश कर गया।
दिल्ली हवाईअड्डे पर 134 उड़ानें रद्द की गईं— 75 प्रस्थान और 59 आगमन। वहीं, बेंगलूरु हवाईअड्डे पर एयरलाइन ने 117 सेवाएं रद्द कीं— 65 आगमन और 62 प्रस्थान।
इंडिगो को 2 दिसंबर से सैकड़ों उड़ानें रद्द करने के कारण सरकार और यात्रियों दोनों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें पायलटों की उड़ान ड्यूटी और नियमों में बदलाव को कारण बताया गया है। इन व्यवधानों के चलते देशभर के हवाईअड्डों पर कई यात्री फंसे हुए हैं।


