उम्मीदों वाला बजट

नई व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया गया है

उम्मीदों वाला बजट

वित्त मंत्री ने 'महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र’ योजना की घोषणा की है, जो आज बहुत प्रासंगिक है

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गईं बजट घोषणाएं आम और मध्यम वर्ग को राहत देने के साथ 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण सिद्ध होंगी। वेतनभोगी वर्ग आयकर में छूट का इंतजार कर रहा था, जो अब पूरा हो गया। नई व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए कर दिया गया है। इससे बचत बढ़ेगी और खर्चों में आसानी होगी। 

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शिक्षा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर जोर देने से डिजिटल भारत बनाने का सपना साकार होगा। देश डिजिटल क्रांति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा, जिससे भविष्य में बहुत लाभ होगा। इंजीनियरिंग संस्थानों में 5जी सेवाओं का उपयोग करते हुए ऐप विकसित करने के लिए 100 प्रयोगशालाओं के निर्माण और राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय की स्थापना से ज्ञान के नए द्वार खुलेंगे। 

कर्नाटक में अपर भद्रा परियोजना के लिए 5,300 करोड़ रुपए की सहायता से राज्य के सूखा प्रभावित मध्य क्षेत्रों में लोगों को राहत मिलेगी। रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए उपलब्ध कराने से यात्रियों के वास्ते सुविधाओं का विस्तार होगा। कोरोना काल ने बचत का महत्त्व अच्छी तरह समझा दिया है। 

वित्त मंत्री ने 'महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र’ योजना की घोषणा की है, जो आज बहुत प्रासंगिक है। इसमें दो साल के लिए 7.5 प्रतिशत की निश्चित दर से ब्याज देय होने से घरों में बचत को प्रोत्साहन मिलेगा। केंद्र सरकार के विभागों में तैनात पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के लिए समुचित कोष आवंटित करने का फैसला पर्यावरण की स्वच्छता को बढ़ावा देगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम ऑयन बैटरियों पर सीमा शुल्क घटाकर 13 प्रतिशत करने से वाहन क्रांति का मार्ग प्रशस्त होगा। निस्संदेह सीमा शुल्क में कटौती से पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम को प्रोत्साहन मिलेगा। एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के लिए 38,800 शिक्षकों की भर्ती होने से शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। सीबीआई को 946 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं। इसमें करीब 4.4 प्रतिशत बढ़ोतरी शामिल है। इससे एजेंसी की ताकत बढ़ेगी, अपराधों की जांच में मदद मिलेगी। 

कोरोना काल में कृषि ने अर्थव्यवस्था को बड़ा संबल दिया था। यह करोड़ों लोगों के जीवनयापन का माध्यम है। सरकार अगले तीन वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित करेगी, जिससे भूमि की गुणवत्ता सुधरेगी। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 की भी जरूरत महसूस की जा रही थी, जिसकी आखिरकार घोषणा हो गई। इससे लाखों युवाओं को कौशल संपन्न बनाया जाएगा। देश का युवा अपने कौशल से खुद रोजी कमाएगा और आत्मनिर्भर होगा। कृषि ऋण के लक्ष्‍य को पशुपालन, डेयरी और मत्‍स्‍य उद्योग को ध्‍यान में रखते हुए 20 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने का सीधा लाभ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को होगा। गांवों में पैसा जाएगा तो लोगों की क्रयशक्ति बढ़ेगी। 

रक्षा मंत्रालय के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपए आवंटित होने से देश का रक्षा तंत्र मजबूत होगा। इससे चीन, पाकिस्तान द्वारा उत्पन्न की गईं चुनौतियों से लड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में सहायता मिलेगी। यह बजट संतुलित और उम्मीद जगाने वाला है। कोरोना के प्रभाव से उबरने के बाद अर्थव्यवस्था को और ऊर्जा की आवश्यकता थी। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह अपने उद्देश्यों में सफल होगा। बजट को धरातल पर प्रभावी तरीके से लागू किया जाना चाहिए।

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