यशवंतपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का काम शुरू
पुनर्विकसित स्टेशन प्रतिदिन 1 लाख से अधिक यात्रियों की दैनिक अनुमानित यात्रा को पूरा करने में सक्षम होगा
इस परियोजना को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है
हुब्बली/दक्षिण भारत। यशवंतपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का काम शुरू हो गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए दक्षिण पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनीश हेगड़े ने बताया कि रेलवे को न केवल सेवा के साधन के रूप में, बल्कि एक संपत्ति के रूप में विकसित करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है।
प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप, रेल मंत्रालय ने आधुनिक सुविधाओं के साथ विश्व स्तरीय टर्मिनलों में रेलवे स्टेशनों के विकास को अत्यधिक महत्व दिया है, ताकि आम रेल यात्री भी आरामदायक, सुविधाजनक और सुखद रेल यात्रा का अनुभव कर सके।प्रधानमंत्री ने इस साल 20 जून को यशवंतपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का शिलान्यास किया था। तय प्रक्रिया के बाद टेंडर निकाला गया। टेंडर को मौजूदा नीति और प्रक्रिया के अनुसार अंतिम रूप दिया गया और 18 अक्टूबर को मैसर्स गिरधारी लाल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लि. को दिया गया है।
कितनी लागत?
परियोजना की लागत 380 करोड़ रुपए है। साइट कार्यालय स्थापित किया गया है और काम का पहला चरण पहले ही शुरू हो चुका है। अनुबंध ईपीसी मोड यानी इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण अनुबंध में किया गया है, जिसे 'टर्नकी' अनुबंध के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें एक एजेंसी की परियोजना को डिजाइन, खरीद, निर्माण और सौंपने की जिम्मेदारी होगी।
पुनर्विकसित स्टेशन यात्रियों के साथ-साथ जनता को आकर्षित करने वाले 'सिटी सेंटर' के रूप में कार्य करेगा। भीड़भाड़ से बचने के लिए यात्रियों के लिए अलग-अलग आगमन/प्रस्थान द्वारों के साथ 216 मीटर चौड़ा एयर-कॉन्कोर्स होगा।
होंगी ये सुविधाएं
प्लेटफॉर्म के ऊपर प्रस्तावित रूफ प्लाजा में रिटेल स्पेस, फूड कोर्ट, मनोरंजन केंद्र आदि शामिल होंगे। स्टेशन परिसर में यात्रियों के लिए रास्ता खोजने को आसान बनाने के लिए स्पष्ट रूप से एलईडी आधारित साइन दिए जाएंगे।
मेट्रो-स्टेशन की ओर (पश्चिम की तरफ) एक नया स्टेशन भवन बनेगा, जो चार मंजिला इमारत होगी। प्लेटफॉर्म 1 साइड (जी+5 स्ट्रक्चर) के पास एक मल्टी-लेवल कार पार्किंग होगी।
प्लेटफॉर्म नंबर 1 के ऊपर, हवाईअड्डे की तरह ही एयर कॉन्कोर्स से सीधी कनेक्टिविटी के साथ एक प्रस्थान-सह-आगमन प्लाजा होगा। एयर कॉन्कोर्स की छत में सीधे प्राकृतिक प्रकाश होगा।
आसान पहुंच
इसके अलावा, भीड़भाड़ से बचने के लिए अच्छी तरह से सीमांकित ड्रॉप और पिक-अप पॉइंट प्रदान किए जाएंगे। मेट्रो स्टेशन जाने/आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए एयर-कॉन्कोर्स स्तर पर मेट्रो स्टेशन के साथ कनेक्शन का प्रस्ताव है।
आसान पहुंच के लिए, पूर्व की ओर (शहर की तरफ) एक एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी, जो सीधे एयर-कॉन्कोर्स डिपार्चर प्लाजा से जुड़ेगी। जनता की सुविधा के लिए स्टेशन पर सार्वजनिक परिवहन के सभी साधनों का सहज एकीकरण होगा।
पुनर्विकसित स्टेशन को रैंप, लिफ्ट और विशेष शौचालय उपलब्ध कराकर दिव्यांगजन के अनुकूल बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इमारत को 'हरित' भवन के रूप में डिजाइन किया जाएगा, जो ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ठोस कचरे के प्रभावी निपटान, अपशिष्टों के निस्तारण के साथ-साथ जल संरक्षण के लिए वर्षा जल संचयन प्रणाली के उपाय किए जाएंगे।
कब तक होगा काम पूरा?
पुनर्विकसित स्टेशन की वास्तुकला एक भविष्यवादी, रैखिक डिजाइन पर आधारित है, जो यशवंतपुर रेलवे स्टेशन को बेंगलूरु के आधुनिक, जीवंत शहर के प्रतीक के रूप में विकसित कर रहा है।
पुनर्विकसित स्टेशन प्रतिदिन 1 लाख से अधिक यात्रियों की दैनिक अनुमानित यात्रा को पूरा करने में सक्षम होगा, वर्तमान में यह लगभग 60,000 के करीब है। इस परियोजना को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।