विजेंदर ने मैमतअली पर तंज कसते हुए कहा, चाइनीज माल ज्यादा नहीं चलेगा
विजेंदर ने मैमतअली पर तंज कसते हुए कहा, चाइनीज माल ज्यादा नहीं चलेगा
नई दिल्ली। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और भारत के शीर्ष पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने जुल्फिकार मैमतअली के खिलाफ होने वाले मुकाबले से पूर्व चीन के इस मुक्केबाज पर तंज कसते हुए कहा कि वह इस मुकाबले को जल्द से जल्द जीतने की कोशिश करेंगे क्योंकि चीन का माल अधिक देर नहीं टिकता। विजेंदर डब्ल्यूबीओ एशिया पैसिफिक सुपर मिडिलवेट चैम्पियन हैं जबकि जुल्फिकार डब्ल्यूबीओ ओरिएंटल सुपर मिडिलवेट चैम्पियन हैं और मुंबई के वर्ली में एनएससीआई स्टेडियम में दोनों के बीच पांच अगस्त को होने वाले इस मुकाबले का विजेता अपना खिताब बचाने के अलावा प्रतिद्वंद्वी का खिताब भी अपने नाम करेगा। विजेंदर को आठ पेशेवर मुकाबलों का अनुभव है जिसमें से भारतीय मुक्केबाज ने आठों में जीत दर्ज की है जबकि मैमतअली ने नौ में से आठ मुकाबलों में जीत दर्ज की हैं। ये दोनों ही अपने देशों के नंबर एक मुक्केबाज हैं और दोनों ही पेशेवर सर्किट में अब तक अजेय हैं लेकिन विजेंदर को अपने प्रतिद्वंद्वी के २७ राउंड के मुकाबले ३० राउंड का अनुभव है। विजेंदर ने इसके अलावा सात मुकाबले नॉकआउट से जीत हैं जबकि मैमतअली के नाम छह नॉकआउट दर्ज है।मैमतअली के खिलाफ पांच अगस्त को होने वाले मुकाबले के संदर्भ में विजेंदर ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, मेरी ट्रेनिंग काफी अच्छी चल रही है और मैंने अपने वजन को सीमित रखा है। पांच अगस्त को आप एक और नॉकआउट की दुआ कीजिए। मैं इस मुकाबले को जल्द से जल्द निपटाने की कोशिश करूंगा। वैसे भी चाइनीज माल ज्यादा नहीं टिकता। विजेंदर ३१ बरस के हैं जबकि उनसे लगभग नौ साल छोटे हैं। जब यह पूछा गया कि क्या चीन के मुक्केबाज को युवा होने के कारण तेजी का फायदा मिल सकता है तो विजेंदर ने कहा, मुझे नहीं लगता कि इससे कोई फर्क प़डने वाला है। मुक्केबाजी अनुभव का खेल है और आपके मुक्कों में ताकत होनी चाहिए। मैं २० साल के मुक्केबाज जैसा महसूस कर रहा हूं, मैं खुद को जुल्फिकार से युवा मानता हूं। वैसे भी (पंजाबी गायक) गुरदास मान ने कहा है कि दिल जवान होना चाहिए।भारतीय मुक्केबाज के विश्व खिताब के लिए उतरने की संभावनाओं के बारे में पूछने पर विजेन्दर के प्रमोटर आईओएस बाक्सिंग प्रमोशंस के नीरव तोमर ने कहा कि अभी इसमें समय है। विजेन्दर को अभी कम से कम पांच छह मुकाबले और ल़डने होंगे जिसके बाद ही वह डब्ल्यूबीओ विश्व खिताब के लिए अपना दावा पेश कर पाएंगे। तोमर ने साथ ही कहा, विजेन्दर को कॉमनवेल्थ और इंटरकांटिनेंटल मुकाबले भी ल़डने होंगे। यह एक क्रम है जिससे विजेन्दर को गु़जरना होगा। मुझे लगता है कि वह वर्ष २०१८ की समाप्ति तक विश्व खिताब के लिए उतर पाएंगे। बैटलग्राउंड एशिया में भारत के दो अनुभवी मुक्केबाज और ओलंपियन अखिल कुमार तथा जितेंद्र कुमार भी अपना प्रो मुक्केबाजी पदार्पण करेंगे। इनके प्रतिद्वंद्वियों की भी घोषणा हो चुकी है। इनके अलावा नीरज गोयत, प्रदीप खरेरा, धर्मेंद्र ग्रेवाल, कुलदीप ढांडा और आसिफ खान भी बैटलग्राउंड एशिया में अपनी चुनौती रखेंगे।