उत्तर प्रदेश में अपराध

उत्तर प्रदेश में अपराध

जिस तरह से यमुना एक्सप्रेस-वे से केवल २ किलोमीटर से भी कम दूरी पर जेवर-बुलंदशहर राजमार्ग पर कार से जा रहे एक परिवार को रोककर लुटेरों के एक गिरोह ने कार में सवार चार महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया और महिलाओं के साथ जा रहे एक व्यक्ति ने संघर्ष किया तो उसकी देसी कट्टे से गोली मार कर हत्या कर दी। दरिंदों ने लगातार चार घंटों से भी अधिक समय तक महिलाओं को प्रताि़डत किया। उत्तरप्रदेश और बिहार की कानून व्यवस्था पर पहले भी कई बार सवाल उठते रहे हैं परंतु जिस तरह से इस घटना को अंजाम दिया गया उससे यह सा़फ हो चुका है कि अपराधियों को उत्तर प्रदेश में पुलिस और प्रशासन का कोई डर नहीं है, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में कानून व्यवस्था की हालत बहुत ही खस्ता है। योगी आदित्यनाथ को इस क्षेत्र में हो रही आपराधिक घटनाओं पर कानून की लाठी चलने की जरूरत है। सहारनपुर में जिस तरह से जातीय हिंसा हुई है उससे सा़फ होता है कि क्षेत्र में कानून व्यवस्था में बहुत अधिक सुधार की आवश्यकता है। आपराधिक घटनाएं भी लगातार हो रही हैं और पुलिस प्रशासन इसे सँभालने में नाकाम रहा है। आदित्यनाथ ने अपने चुनाव प्रचार में राज्य के गुंडाराज को ख़तम करने की बात तो कही थी लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें क़डे कदम उठाने की भी आवश्यकता है। हालाँकि सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि राज्य में किसी भी अपराध को अंजाम देने वाले को बक्शा नहीं जाएगा परंतु केवल दावे करने से समस्या का हल नहीं होगा। सरकार को जनता की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए पुलिस महकमे में आवश्यक बदलाव करने की भी जरूरत है। अगर किसी क्षेत्र का वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र में अपराधों पर शिकंजा कसने में नाकाम है तो सरकार को ऐसे अधिकारियों का तबादला कर किसी सक्षम अधिकारी को क्षेत्र में तैनात करने की जरूरत है। जाहिर सी बात है किसी भी संज्ञान अपराध के बाद पुलिस प्रशासन के साथ राज्य सरकार को कठघरे में ख़डा किया जाना स्वाभाविक है। सरकार को अपने राज्य में अपराधियों से सख्ती से पेश आने का पूरा अधिकार है। घटना चाहे छोटी हो या ब़डी, पुलिस का अगर रवैया नहीं बदलेगा तो वह राज्य में अपराध पर काबू पाने में सक्षम नहीं हो सकेगी। शीर्ष पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों में ईमानदार और सबल अधिकारियों को कार्यभार देना होगा और यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें गैर कानूनी तरीकों से निपटने के लिए आवश्यक आ़जादी भी दी जाए।अगर आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुधरने में सफल रहे तो यह उनके लिए एक बहुत ब़डी उपलब्धि साबित हो सकेगी। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सुधारना आसान नहीं है, सरकार को क़डी मशक्कत के लिए तैयार रहना होगा और लगातार इस दिशा में कार्यरत रहना होगा। अगर किसी भी स्तर पर थो़डी से भी लापरवाही बरती गई तो इस समस्या से निजात पाना उत्तरप्रदेश में संभव नहीं हो सकेगा। आदित्यनाथ को कानून व्यवस्था पर लगातार पैनी ऩजर बनाए रखना होगा और एक निर्धारित नीति बनाकर अपराध को ख़तम करने की ओर अग्रसर होना होगा।

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