ट्रकों की हड़ताल से 5000 करोड़ से अधिक का नुकसान

ट्रकों की हड़ताल से 5000 करोड़ से अधिक का नुकसान

चेन्नई। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में संशोधन और ईंधन की कीमतों में प्रति दिन होने वाले बदलाव को समाप्त करने के लिए लगभग ५ लाख लॉरी राज्य में दो दिवसीय ह़डताल में हिस्सा ले रहे हैं। यह ह़डताल, सोमवार को शुरू हुई है हालांकि इससे दूध, दवाइयां आदि जैसे आवश्यक सामान की आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है लेकिन इस ह़डताल के कारण ५००० करो़ड रुपए का नुकसान होने की बात कही जा रही है। अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट आर्गेनाइजेशन (एआईएमटीसी) के दक्षिण क्षेत्र के उपाध्यक्ष पी वी सुब्रमणि के अनुसार केवल तमिलनाडु में ही इस ह़डताल के कारण ५००० करो़ड रुपए से अधिक का नुसान होने का अनुमान है। यदि राष्ट्रीय स्तर पर इस नुकसान का आंकलन किया जाए तो यह इससे दस गुणा अधिक होगा।इस ह़डताल के कारण सब्जी और ईंधन की आपूर्ति करने वाले ट्रकों का परिचालन बंद नहीं हुआ है लेकिन मंगलवार को वाणिज्यिक वस्तुओं और भवन निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाले ट्रकों को राज्य के राजमार्गों के किनारे ख़डा देखा गया। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि रेत ढोने वाली लगभग २५ हजार लॉरियां राज्य राजमार्ग विभाग के किनारे ख़डी हैं। इससे मुख्य रुप से बेंगलूरु में होने वाली आपूर्ति प्रभावित होने की बात कही जा रही है। सूत्रों के अनुसार हर दिन राजमार्गों पर छह लाख लॉरियों का परिचालन होता है और इनमें से लगभग ४ लाख लॉरियों का परिचालन रोक दिया गया है। शहर की सीमा के अंदर कुछ लॉरियों का परिचालन मंगलवार को भी जारी रहा लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि इन लॉरियों का परिचालन भी मंगलवार रात से बंद कर दिया जाएगा। अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस के महासचिव नवीन कुमार गुप्ता के अनुसार यह दो दिवसीय ह़डताल सरकार का ध्यान लॉरी संचालकों की समस्याओं की ओर आकृष्ट करने के लिए की जा रही है।

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