कर्नाटक बजट: करों में कोई बढ़ोतरी नहीं, मेकेदाटु परियोजना के लिए 1,000 करोड़ रु.

कर्नाटक बजट: करों में कोई बढ़ोतरी नहीं, मेकेदाटु परियोजना के लिए 1,000 करोड़ रु.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पेट्रोल और डीजल की दरों में वृद्धि नहीं कर रहे हैं


बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में पेश किए गए 2022-23 के बजट में करों में कोई वृद्धि नहीं करने का ऐलान किया है। अपने पहले बजट में, बोम्मई जिनके पास वित्त विभाग भी है, ने कावेरी नदी के पार मेकेदाटु परियोजना के कार्यान्वयन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। 

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बोम्मई ने कहा, 2021-21 में अर्थव्यवस्था ठीक होने की राह पर है। इन परिस्थितियों में, मैं आम आदमी पर अतिरिक्त करों का अतिरिक्त बोझ डालने को तैयार नहीं हूं। उन्होंने कहा कि सभी कर विभागों का बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित कर, कर वसूली के लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे पेट्रोल और डीजल की दरों में वृद्धि नहीं कर रहे हैं। 2021-22 में कोरोना महामारी की दूसरी और तीसरी लहर के कारण हुई कठिनाइयों को महसूस करते हुए, नवंबर 2021 में पेट्रोल और डीजल पर बिक्री कर कम किया गया था। जिसके कारण पेट्रोल और डीजल की दरों में 7 रुपये प्रति लीटर की कमी आई थी। मेरा 2022-23 में दरों में वृद्धि करने का कोई इरादा नहीं है।

बोम्मई ने कहा कि मेकेदाटु बैलेंसिंग जलाशय और बेंगलूरु पेयजल परियोजना को केंद्र सरकार के उपयुक्त प्राधिकरण से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करके लागू किया जाएगा। परियोजना के कार्यान्वयन के लिए चालू वर्ष में 1,000 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान किया जाएगा।

पशुधन को संरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पशुधन के संरक्षण को अधिक महत्व दिया है और कर्नाटक वध रोकथाम और पशु संरक्षण अधिनियम को लागू किया है। अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए गोशालाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी। इस उद्देश्य के लिए वर्तमान संख्या 31 से बढ़ाकर 100 की जाएगी, 50 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। 

साथ ही राज्य में पहली बार सरकारी और निजी संस्थानों को गोशालाओं में गायों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते सरकार 11,000 रुपए सालाना का भुगतान कर 'पुण्यकोटि दत्तू योजना' शुरू करेगी।

इन्हें मिलेगी डीजल सब्सिडी
प्रदेश में पहली बार कृषि यंत्रों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने एवं ईंधन व्यय को कम करने के लिए नई योजना 'रायथा शक्ति' के अंतर्गत डीबीटी के माध्यम से 250 रुपए प्रति एकड़ की दर से अधिकतम 5 एकड़ के लिए डीजल सब्सिडी दी जाएगी, जिसके लिए बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

शिक्षा की गुणवत्ता 
राज्य के सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट में 500 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई है। इसके तहत चयनित आकांक्षी तालुकों को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए होबली स्तर पर बुनियादी ढांचागत सुविधाओं वाले स्कूलों को 'मॉडल स्कूल' के रूप में अपग्रेड किया जाएगा।

नम्मा क्लिनिक से सुधरेगी सेहत
बजट में राज्य के प्रमुख शहरों में 438 'नम्मा क्लिनिक' स्थापित करने का भी प्रस्ताव है, साथ ही वे बेंगलूरु के सभी वार्डों में स्थापित किए जाएंगे। इन क्लिनिकों में गैर-संचारी रोगों का पता लगाने और उच्च उपचार के लिए रेफरल की सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

उद्यमिता प्रशिक्षण 
उद्यमों की स्थापना को सक्षम बनाने के लिए, आईआईएम बेंगलूरु में एससी / एसटी की 300 महिला स्नातकों को उद्यमिता प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

मछुआरों को तोहफा
मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी आवास योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर आश्रयहीन मछुआरों के लिए 5,000 घरों की घोषणा की है। मछुआरों की आय में सुधार और डीप फिशिंग को प्रोत्साहित करने के लिए 100 डीप फिशिंग नौकाओं को बेड़े में जोड़ा जाएगा।

तटीय कर्नाटक में पर्यटन को बेहतर बनाने के लिए तटीय नियामक क्षेत्र (सीआरजेड) को सरल बनाया जाएगा। उन्होंने मेंगलूरु पोर्ट के विस्तार के लिए 350 करोड़ रुपए की भी घोषणा की।

छात्रावास की स्थापना
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि दक्षिण कन्नड़, उडुपी, उत्तर कन्नड़ और शिवमोग्गा जिलों में समाज सुधारक श्री नारायण गुरु के नाम पर पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए छात्रावास स्थापित किए जाएंगे। 

मुख्यमंत्री ने मेंगलूरु विश्वविद्यालय में अरेबाशे केंद्र और केरल के कासरगोड में कय्यारा कियाना राय के नाम पर एक केंद्र स्थापित करने की घोषणा की।

सेहत को कितना आवंटन?
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण पर कोरोना के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष बजट निधि के कुल 5 प्रतिशत आवंटन की घोषणा की, जो सभी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यक्रमों के लिए 13,982 करोड़ रुपए है।

सरकार उन तालुकों की पहचान करेगी जो विभिन्न विकास संकेतकों में राज्य के औसत से नीचे प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें आकांक्षी तालुकों के रूप में जाना जाएगा और इनके व्यापक विकास पर जोर दिया जाएगा। कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए 32 जिला केंद्र, 49 तालुका केंद्र और 37 पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

100 महत्वाकांक्षी तालुकों में से प्रत्येक में उच्च कार्यभार वाले एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की पहचान की जाएगी और 1,000 करोड़ रुपए की लागत से दो साल में 25-बेड मॉडल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपग्रेड किया जाएगा।

इस बीच, तालुका स्तर पर अच्छी तरह से सुसज्जित चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए, सात तालुका अस्पतालों को 100 बिस्तरों वाले अस्पतालों में अपग्रेड किया जाएगा।

डायलिसिस की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या में वृद्धि और मौजूदा को और मजबूत करने के लिए, राज्य सरकार ने मौजूदा डायलिसिस चक्र प्रति माह 60,000 तक बढ़ा दिया है। इसके लिए 20 करोड़ रुपए का अतिरिक्त अनुदान आवंटित किया गया है।

साथ ही, राज्य के गरीबी रेखा से नीचे के वरिष्ठ नागरिकों की आंखों की सुरक्षा के लिए निशुल्क नेत्र जांच और यदि आवश्यक हो तो शल्य चिकित्सा उपचार और चश्मे का वितरण एनएचएम के तहत किया जाएगा।

इस बीच, मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के साथ राज्य के 75 तालुका अस्पतालों की मैपिंग करके अब तालुका स्तर पर ही ग्रामीणों को हृदय संबंधी उपचार प्रदान किए जाएंगे।

उत्तर कर्नाटक में उच्च तकनीकी उपचार उपलब्ध कराने के लिए, हुबली में 250 करोड़ रुपए की लागत से जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी का क्षेत्रीय हृदय केंद्र स्थापित किया जाएगा। बेलगावी में 50 करोड़ रुपए की लागत से किदवई क्षेत्रीय कैंसर केंद्र बनेंगे। 

ऐसे समझें बजट का गणित
बजट अनुमान के मुताबिक, कुल प्राप्तियां 2.61 लाख करोड़ रुपए हैं, जबकि कुल खर्च 2.65 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री की तरह बोम्मई ने भी घाटे का बजट पेश किया। उन्होंने कहा, बजट 2022-23 उम्मीद है। बढ़ने की उम्मीद और बेहतर भविष्य की उम्मीद।

जहां राजस्व घाटा 14,699 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, वहीं राजकोषीय घाटा 61,564 करोड़ रुपए है जो जीएसडीपी का 3.26 प्रतिशत है। केंद्र सरकार ने कर्नाटक को 2021-22 के दौरान जीएसडीपी के 4 प्रतिशत तक ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की है, ताकि राज्य को कोरोना के प्रभाव के कारण आर्थिक मंदी से उबरने में मदद मिल सके। हालांकि राज्यों को जीएसडीपी के 3.5 प्रतिशत तक उधार लेने की अनुमति है। राज्य सरकार ने उधार को 3.26 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार 'सबका साथ और सबका विकास' के दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है; और 3ई मंत्र - एंप्लॉयमेंट, एजुकेशन और सशक्तीकरण को अपनाया है। 

मुख्य बिंदु

- मुख्यमंत्री ने कोई नया कर नहीं लगाया है।

- राजधानी बेंगलूरु के लिए और फंड (8,409 करोड़ रुपए) का प्रावधान किया गया है।

- शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा दिया गया है क्योंकि इसे बजटीय आवंटन का 12 प्रतिशत (31,980 करोड़ रुपए) मिला है। 

- प्राकृतिक और मानवीय हस्तक्षेपों के कारण वन व्यवस्था पर पैदा हुए नकारात्मक प्रभावों की भरपाई के लिए 100 करोड़ रुपए का इको-बजट है।

- देश में पहली बार, 840 करोड़ रुपए की लागत से तटीय क्षेत्रों में जल संसाधनों को प्रदूषित करने वाले प्लास्टिक के मसले को ध्यान में रखते हुए 'ब्लू-प्लास्टिक प्रबंधन योजना' शुरू की जाएगी।

- गाय गोद लेने को प्रोत्साहित करने के लिए 'पुण्यकोटि दत्तू योजना' का शुभारंभ करते हुए गोशालाओं की संख्या बढ़ाकर 100 की जाएगी।

- व्यस्त गोरगुंटेपल्या जंक्शन पर यातायात को कम करने और वाहनों के सिग्नल मुक्त आवागमन को सक्षम करने के लिए, ग्रेड सेपरेटर और फ्लाईओवर का काम शुरू किया जाएगा।

- मेकेदाटु परियोजना को 1,000 करोड़ रुपए मिले हैं।

- 2021-22 के बजट की तुलना में सभी क्षेत्रों को अधिक आवंटन किया गया है।

- बेंगलूरु के प्रमुख शहरों और सभी वार्डों में 'नम्मा क्लीनिक', जहां गैर-संचारी रोगों का पता लगाने और विशेषज्ञों को उच्च उपचार के लिए रेफरल की सेवाएं प्रदान की जाएंगी।

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