पीक से रंगी दीवारें देख कलेक्टर ने मंगवाया बाल्टी-कपड़ा और खुद करने लगे सफाई
पीक से रंगी दीवारें देख कलेक्टर ने मंगवाया बाल्टी-कपड़ा और खुद करने लगे सफाई
मुंबई। आपने भी ऐसे कई सार्वजनिक स्थल और सरकारी दफ्तर देखे होंगे जहां दीवारें पान-गुटखे की पीक से रंगी होती हैं। महाराष्ट्र के अकोला जिले के कलेक्टर आस्तिक कुमार पांडे ने एक दफ्तर में जब यही हाल देखा तो उनसे रहा नहीं गया। उन्होंने पानी की बाल्टी और कपड़ा मंगवाया, इसके बाद खुद ही दीवारों की सफाई करने में जुट गए। कलेक्टर को सफाई करते देख वहां कार्यरत कर्मचारी शर्मिंदगी महसूस करने लगे।
कलेक्टर आस्तिक कुमार मंगलवार को अकोला के लोक निर्माण विभाग के दफ्तर का औचक निरीक्षण करने आए थे। यहां दीवारें पान-गुटखे की पीक से सनी हुई थीं। इन्हें हर रोज कर्मचारी देखते लेकिन वे अपने दफ्तर की कोई परवाह नहीं करते। जब किसी ने भी इन दीवारों की सुध नहीं ली तो खुद कलेक्टर ने सफाई का इरादा किया और जुट गए।कर्मचारियों द्वारा शर्मिंदगी महसूस करने के बाद उन्होंने कलेक्टर से कहा कि वे दीवारों को साफ कर लेंगे। पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही कलेक्टर ने सफाई का काम छोड़ा। उन्होंने अन्य विभागों का भी निरीक्षण किया। वहां एक कोने में गोबर पड़ा हुआ था तो कलेक्टर ने झाड़ू लेकर उसे साफ किया। इस दौरान कर्मचारी उन्हें देखते रहे।
इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर आने के बाद लोग कलेक्टर की तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने अपने व्यवहार से स्वच्छता की मिसाल कायम की। चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विभिन्न कार्यक्रमों में स्वच्छता पर काफी जोर दे चुके हैं। सरकार ने स्वच्छता के लिए पूरे देश में अभियान चलाया है। इसके बावजूद कई सरकारी कर्मचारी पूरी तरह उदासीन हैं। देशभर में ऐसे अनेक सरकारी दफ्तर आसानी से मिल जाएंगे जहां दीवारें पान-गुटखे की पीक से रंगी हैं।
कलेक्टर आस्तिक कुमार उत्तर प्रदेश के गोंडा से हैं। वे 2011 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उनकी पत्नी मोक्षदा पाटिल आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले आस्तिक कुमार कई सराहनीय कार्यों के लिए चर्चा में आ चुके हैं। उन्होंने एंड्रॉयड एप के जरिए जलगांव को महाराष्ट्र की हाईटेक जिला परिषद बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा आस्तिक कुमार स्कूलों में आॅनलाइन हाजिरी, डिजिटल प्रोजेक्टर जैसे प्रयोग कर सम्मान पा चुके हैं। उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी सम्मानित कर चुके हैं।
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